International

चीनी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक अवधारणा भारत और अन्य देशों को जोड़कर चीन को शामिल करना है

चीनी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक अवधारणा भारत और अन्य देशों को जोड़कर चीन को शामिल करना है

चीनी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका की इंडो-पैसिफिक अवधारणा भारत और अन्य देशों को जोड़कर चीन को शामिल करना है

चीन के एक शीर्ष राजनयिक का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र चीन को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए अमेरिका ने भारत और उसके अन्य सहयोगियों को शामिल करने के उद्देश्य से ‘‘हिंद प्रशांत’’ अवधारणा बनाई है। हिंद-प्रशांत एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र है, जिसमें दक्षिण चीन सागर सहित हिंद महासागर और पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल हैं। अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।

फ्रांस में चीन के राजदूत लू शाये ने सात दिसंबर को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “चीन को नियंत्रित करने के लिये अमेरिका ने हिंद-प्रशांत की परिकल्पना बनाई। वास्तव में, भू-राजनीति में ‘हिंद-प्रशांत’ जैसी कोई अवधारणा नहीं है।” चीन के ‘वूल्फ वारियर’ राजनयिक के तौर पर चर्चित लू को उद्धृत करते हुए फ्रांस में चीनी दूतावास की वेबसाइट ने कहा, “पूर्व में हम प्रशांत या एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बारे में बात करते थे, ‘हिंद-प्रशांत’ के बारे में कभी नहीं।”

‘वूल्फ वारियर’ कूटनीति टकराव व अपनी बात को लेकर अड़ने से संबंधित है जिसके समर्थक चीनी सरकार की किसी भी कथित आलोचना का खुलकर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिकियों ने हिंद महासागर को क्यों शामिल किया? क्योंकि उनका मानना है कि उनके एशिया-प्रशांत सहयोगी अकेले चीन को नियंत्रित करने के लिये पर्याप्त नहीं हैं, वे भारत तथा फ्रांस जैसे अमेरिका के अन्य सहयोगियों को लाना चाहते हैं जो खुद को हिंद-प्रशांत देश मानते हैं।

Chinese diplomat said uss indo pacific concept is to contain china by connecting india

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero