वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यात लक्ष्य से चूकने वाले निर्यातक क्षेत्रों को राहत दी है। इसके तहत मंत्रालय ने क्षेत्रीय कार्यालयों को उन क्षेत्रों के लिये औसत निर्यात बाध्यताएं कम करने का निर्देश दिया है, जिनके निर्यात में 2021-22 में पांच प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। कुल 192 उत्पाद समूह के निर्यात में 2021-22 में इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसमें कुछ अयस्क, सोना, धागा, मूंगफली तेल, चीज तथा दही शामिल हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, ‘‘जिस क्षेत्र/उत्पाद समूह में 2021-22 में गिरावट दर्ज की गयी है, वे राहत के हकदार होंगे।’’ डीजीएफटी ने क्षेत्रीय कार्यालयों से उसी अनुसार निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीसीजी) प्राधिकार के लिये सालाना औसत निर्यात बाध्यताओं को फिर से तय करने को कहा है। ईपीसीजी योजना के तहत पूंजीगत वस्तुओं का शुल्क मुक्त आयात की अनुमति है।
लेकिन यह निर्यात बाध्यताओं को पूरा करने पर निर्भर है। योजना के अंतर्गत आने वाले निर्यातकों को तैयार सामान निर्यात करना होता है जो छह साल में मूल्य के संदर्भ में वास्तविक शुल्क बचत का छह गुना होना चाहिए। निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिये पूंजीगत वस्तुओं के आयात को सुगम बनाना तथा देश में विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाना है।
Commerce ministry gives relief to exporters who do not meet export obligation
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