राजस्थान के राज्यपाल और सैनिक कल्याण विभाग के संरक्षक कलराज मिश्र ने सोमवार को राजभवन में पूर्व सैनिकों की सहायतार्थ धन सहयोग के लिए बनाए गए क्यूआर कोड की सोमवार को शुरुआत की। राज्य में आम लोग अब पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों की सहायता के लिए इस क्यूआर कोड को स्कैन कर डिजिटल रूप में धनराशि का सहयोग कर सकेंगे। मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान के तहत नागरिक अब पूर्ण रूप से सुरक्षित रूप में अपनी धनराशि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रित परिजनों के लिए स्वेच्छा से सहयोग कर सकेंगे।
मिश्र ने क्यूआर कोड स्कैन कर अपनी ओर से उसमें धनराशि स्थानांतरित कर इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नागरिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहयोग राशि से पूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों की देखभाल के लिए प्रभावी स्तर पर कार्य होगा। उन्होंने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए आम जन को हर संभव सहयोग देने का आह्वान भी किया।
उल्लेखनीय है कि मिश्र ने कुछ समय पहले ही सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्देश दिए थे कि सैनिक कल्याण विभाग और सम्मिलित निधि के स्तर पर प्रभावी सूचना तंत्र का विकास किया जाए ताकि शहीदों एवं पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की जानकारी दूर-दराज के क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों को अधिकाधिक हो सके। इसी संदर्भ में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा क्यूआर कोड निर्मित कर प्रदेश में यह पहल की गयी है।
राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल ने बताया कि देशभर में सात दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर पूर्व सैनिकों की सहायतार्थ धन संग्रह किया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इसी संदर्भ में सोमवार से सात दिसंबर तक एक माह का धन-संग्रह पर्व मनाये जाने की पहल हुई है। इसके तहत राज्य के हर जिले में आम जन को प्रेरित कर पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सहायता राशि एकत्रित की जाएगी।
Common people will be able to financially support ex servicemen by scanning qr code
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