केरल में माकपा की अगुवाई वाली वाम प्रजातांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार की ओर से राज्य की सरकारी कंपनियों (पीएसयू) के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाकर 60 वर्ष करने का विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने सरकारी कंपनियों में नौकरी करने का सपना देख रहे युवाओं के साथ ‘विश्वासघात’ किया है।
केरल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के. सुधाकरण, विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया और इसके खिलाफ विपक्षी युवा संगठनों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी। सुधाकरण ने यहां पत्रकारों से कहा कि युवा पीढ़ी की चिंताओं पर विचार किए बिना सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस पार्टी और संयुक्त प्रजातांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की राय है कि युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जाने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, केरल में बेरोजगारी दर अधिक है। बेरोजगार लोगों की संख्या भी बहुत अधिक है। वाम सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है। विपक्ष के नेता ने कहा कि माकपा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने पहलेसेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था और उन्होंने अब खुद यह फैसला किया है।
विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि यह निर्णय केरल को बेरोजगारी का केंद्र बना देगा और वामपंथी सरकार ने खुले तौर पर केरल के युवाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। केरल सरकार ने अधिकांश सरकारी कंपनियों में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु समान रूप से बढ़ाकर 60 साल कर दी है।
इसका वाम युवा संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की युवा शाखा ऑल इंडिया युथ फेडरेशन(एआईवाईएफ) के राज्य नेतृत्व ने सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 60 साल करने के सरकार के फैसले का विरोध किया है और इसे बेरोजगार युवाओं के खिलाफ एक कदम बताया है। भाकपा राज्य में माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार में दूसरा सबसे बड़ा घटक है।
Congress and bjp criticized the kerala govt for raising the retirement age in govt companies
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