National

पच्चीस साल के बाद कांग्रेस ने जीती थी आणंद विधानसभा सीट, क्या इस बार यह जीत वह दोहरा पायेगी?

पच्चीस साल के बाद कांग्रेस ने जीती थी आणंद विधानसभा सीट, क्या इस बार यह जीत वह दोहरा पायेगी?

पच्चीस साल के बाद कांग्रेस ने जीती थी आणंद विधानसभा सीट, क्या इस बार यह जीत वह दोहरा पायेगी?

आणंद (गुजरात)। पच्चीस साल बाद 2017 में आणंद विधानसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस क्या इस बार चुनाव में अपनी जीत दोहरा पायेगी जहां भाजपा के साथ उसका कड़ा मुकाबला है। भाजपा को निकाय चुनाव का अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद है। कांग्रेस के कांति सोडापरमार ने कहा कि उन्हें बड़े अंतर से अपनी जीत दोहराने का पूरा विश्वास है। वह 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में 5000 वोटों के अंतर से इस सीट से विजयी हुए थे। आणंद निर्वाचन क्षेत्र में गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा।

इसे भी पढ़ें: कश्मीर के राजनीतिक दलों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी जानी चाहिए

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इस बार सोडापरमार और भाजपा के योगेश पेटल के बीच सीधा मुकाबला होगा क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) के गिरीश शांडिल्य का इस क्षेत्र में कोई खास जन समर्थन नहीं है। देश की दुग्ध राजधानी की पहचान बना चुके आणंद निर्वाचन क्षेत्र में 15 प्रत्याशी हैं। आणंद प्रसिद्ध अमूल ब्रांड डेयरी उत्पादों का मूल स्थान है तथा गुजरात दुग्ध विपणन सहकारी संघ के बैनर तले ये उत्पाद यहां बनते हैं। आणंद शहर आणंद जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में एक है जिनमें से पांच पर 2017 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। आणंद निर्वाचन क्षेत्र में 3,13,857 मतदाता हैं जिनमें 1,59,122 पुरूष, 1,54,730 महिलाएं तथा पांच ट्रांसजेंडर हैं। क्षत्रिय इस क्षेत्र में वर्चस्वशील जाति है।

इसे भी पढ़ें: जागरूकता के नाम पर Nude हुए 2500 लोग, समुद्र की किनारे इकठ्ठा होकर दिया ऐसा पोज

सोडापरमार ने कहा, ‘‘ 2017 से पहले, मैं तीन बार बहुत कम अंतर से हार जाता था। लेकिन विधायक बनने के बाद मैंने लोगों के लिए काम किया। इस बार मैं 25000 वोटों के अंतर से जीतूंगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार के सिवा लोगों को कुछ नहीं दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी ने पीटीआई-से कहा कि उनकी पार्टी आप द्वारा संभवत पहुंचाये जाने वाले नुकसान को कम से कम करने की चेष्टा कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आणंद जिले की सभी सात सीटों पर जीत की आस है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम 2017 में उमरेथ और खंबात हार गये थे। इस बार हमने उमरेथ और खंबात सीटें राकांपा को दी हैं।..’’ स्थानीय भाजपा नेताओं ने दावा किया कि पार्टी पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चलते पिछली बार आणंद जिले की सीटें हार गयी लेकिन इस बार यह कोई मुद्दा ही नहीं है। भाजपा के एक स्थानीय नेता ने कहा, ‘‘ हमने अपनी हार के कारणों की पहचान की और सुधार के कदम उठाये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही विद्यानगर में एक बड़ी रैली को संबोधित किया तथा योगेश पटेल जब नामांकन पत्र भरने गये तब उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी गये। यह दर्शाता है कि भाजपा आणंद को कितनी गंभीरता से लेती है।’’ योगेश पटेल ने कहा कि 2017 में सामाजिक आंदोलन के चलते पार्टी का प्रदर्शन प्रभावित हो गया लेकिन 2022 में स्थिति भिन्न है।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एवं उनके पूर्ववर्तियों की विकास योजनाएं हर घर पहुंची हैं। मतदाता महसूस करते हैं कि भाजपा का कोई विकल्प नहीं है। लोग कहते हैं कि यदि महंगाई है तो उनकी आय भी बढ़ी है इसलिए यह मुद्दा नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से भाजपा ने आणंद नगरपालिका में 52 में से 36 सीटें जीती हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 11 तालुका पंचायतों में सात तथा दोनों जिला पंचायत भाजपा के पास हैं।

Congress won anand assembly seat after 25 years will it be able to repeat this victory time

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero