साक्षात्कारः इरफान पठान ने कहा- अन्यों के मुकाबले भारतीय टीम मजबूत स्थिति में है
टी-20 वर्ल्ड कप को जीते टीम इंडिया को लंबा वक्त बीत गया। 2007 से देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इंतजार खत्म होने की घड़ी शायद नजदीक आ चुकी है। वर्ल्ड कप का आगाज ऑस्ट्रेलिया में हो चुका है जिसमें भारत को जीत का प्रबल दावेदार मान रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर भी इत्तेफाक रखते हैं कि इस बार टी-20 वर्ल्ड ट्रॉफी भारत आएगी। कैसी है टीम इंडिया की तैयारी, इन्हीं बातों को लेकर पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान से डॉ. रमेश ठाकुर ने बातचीत की। पेश हैं गुफ्तगू के मुख्य हिस्से।
प्रश्नः उम्मीद है आपको 2007 की कहानी इस बार रोहित ब्रिगेड दोहराएगी?
उत्तर- उम्मीद तो पक्की है। मजबूत स्थिति में है हमारी टीम। कह सकते हैं औरों के मुकाबले टीम इंडिया इस बार आत्मविश्वास से भी लबरेज है। हाल ही में लगातार दो सीरीज जीती हैं, ज्यादातर खिलाड़ी अपने फॉर्म में हैं। क्षेत्ररक्षण विभाग में कुछ बारीक कमियां रही थीं जिसे सुधारा गया है। बाकी बैटिंग ऑर्डर बहुत मजबूत है। इसलिए रोहित ब्रिगेड से पूरे भारत को उम्मीद है कि इस बार वर्ल्ड कप पर हमारा ही कब्जा होगा।
प्रश्नः घरेलू सीरीज हो या दूसरे टूर्नामेंट उनमें प्रदर्शन अच्छा होता है, लेकिन बड़े आयोजनों में हम क्यों पिछड़ जाते हैं?
उत्तर- हां, बिल्कुल ऐसा देखने में आया भी है। दुबई में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में पूरे चांस थे कि इस बार हम जीतेंगे, लेकिन दुर्भाग्य देखें हम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाए। फिलहाल पिछली गलतियों पर मंथन हुआ है। कोचिंग इस बार अच्छी हुई है, सभी खिलाड़ी फार्म में हैं। खिलाड़ियों को आराम भी मिला है। नंबर 6 से लेकर नंबर 8 तक बैटिंग सजी हुई है। बैटिंग, बॉलिंग व क्षेत्ररक्षण तीनों विभागों में अच्छा करना होगा। किसी एक से काम नहीं चलेगा। क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई मैदान और पिचों का मिजाज कुछ बदला हुआ होता है।
प्रश्नः कौन-सा खिलाड़ी गेमचेंजर साबित हो सकता है?
उत्तर- सूर्य कुमार यादव पर सबकी निगाहें रहेंगी। विपक्षी गेंदबाजों के होश उड़ा रखे हैं। उनके लिए विपक्षी टीमों ने रणनीतियां बनाई हुई हैं। जसप्रीत, भुवनेश्वर, हार्दिक जैसे खिलाड़ी अपने दम पर मैच का रुख बदलने का माद्दा रखते हैं। मैच का स्टार्टअप अच्छा देना होगा, तभी हम सामने वाली टीम पर दबाव बना सकेंगे। ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर उछाल ज्यादा होता है जिसमें पेसरों को मदद मिलती है।
प्रश्नः हार-जीत को लेकर क्रिकेट के इस फॉर्मेट में अनुमान भी फेल हो जाते हैं?
उत्तर- टी-20 क्रिकेट छोटा फॉर्मेट है, आखिरी गेंद तक खींचता है मैच, इसलिए तब तक आप अनुमान नहीं लगा सकते कि कौन जीत सकता है। अक्सर देखा है कि आखिरी बॉल में 5 या 6 रन जीत के लिए चाहिए होते हैं, ऐसे मौकों पर भी पीछा करने वाली टीमें विजय हासिल करती हैं। वर्ल्ड क्रिकेट में हमारी टीम तो इसके लिए कुख्यात है। हम ऐसे मौकों पर शत-प्रतिशत विजय हुए हैं।
प्रश्नः शार्ट फॉर्मेट में चमत्कार होने की संभावना ज्यादा रहती है?
उत्तर- हो तो गया चमत्कार पहले ही मैच में। नामीबिया ने एशियाई विजेता श्रीलंका को हरा दिया। दरअसल, जिन्हें हम कमतर आंकते हैं, वो टीमें अच्छा करती हैं। अफगानिस्तान को ही ले लो, जो इस वक्त ताकतवर टीम बनकर उभरी है। राशिद खान, नबी जैसे बेहतरीन खिलाड़ी उनके पास हैं। ऐसी टीमों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, ये बना बनाया खेल बिगाड़ देती हैं। भारत को भी सतर्क रहना होगा।
प्रश्नः मुख्य मुकाबलों से पहले भारत की तैयारियों को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर- देखिए टीम इंडिया सुपर-12 स्टेज के कुल 5 मैच खेलेगी जिसमें पहली भिड़ंत दीवाली से पहले यानी 23 अक्टूबर को पाकिस्तान से मेलबर्न में होगी। उसके बाद 27 अक्टूबर को ग्रुप-एक का रनरअप मैच होगा। फिर 30 अक्टूबर को साउथ अफ्रीका और 2 नवंबर को बांग्लादेश से टीम भिड़ेगी। यहां तक पहुंचते-पहुंचते स्थिति साफ हो जाएगी कि हम कहां खड़े हैं। जिस तरह की हमारी तैयारियां हैं उससे तो लगता हैं हमें यहां तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होने वाली और हम जीत के करीब पहुंच सकते हैं।
-बातचीत में जैसा इरफान पठान ने रमेश ठाकुर से कहा।
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