बोधगया। तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने शुक्रवार को दुनिया भर के लोगों से सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ ‘‘एकजुट होकर’’ कदम उठाने की अपील की। दलाई लामा ने जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बमों से हुई भारी तबाही को याद करते हुए यहां अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्हें हिरोशिमा जाने और वहां जिस स्तर की भारी तबाही हुई थी, उसे देखने का अवसर मिला था। छह और नौ अगस्त 1945 को जापान के शहर क्रमश: हिरोशिमा और नागासाकी पर दो परमाणु बम विस्फोट किए गए थे।
प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान नागार्जुन के कार्यों पर अपना संबोधन शुरू करने से पहले नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा से जापान के श्रद्धालुओं के एक समूह ने कालचक्र मैदान में संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें ज्योति मशाल भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ दुनिया भर के लोगों से ‘‘एकजुट होकर’’ खड़े होने की अपील करते हुए दलाई लामा ने कहा, ‘‘पहली बार मैंने बमबारी से बड़े पैमाने पर हुए विनाश को देखा... दुनिया के कई देशों ने परमाणु हथियार विकसित किये हैं।
लेकिन साथ ही ऐसे लोग भी हैं जो इनका विरोध कर रहे हैं।’’ दलाई लामा ने कोविड-19 महामारी के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बीते दिनों को याद करते हुए कहा, ‘‘इसकी उत्पत्ति चीन में हुई, लेकिन यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया।’’ बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने कहा, ‘‘महामारी काफी गंभीर है। यह लोगों के लिए चिंताजनक है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इसका प्रकोप कम हो।
Dalai lama calls for united stand against weapons of mass destruction
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