Religion

Bodh Mahotsav: 27 जनवरी से कालचक्र मैदान में आयोजित होगा बौद्ध महोत्सव, जानें क्या होगी खासियत

Bodh Mahotsav: 27 जनवरी से कालचक्र मैदान में आयोजित होगा बौद्ध महोत्सव, जानें क्या होगी खासियत

Bodh Mahotsav: 27 जनवरी से कालचक्र मैदान में आयोजित होगा बौद्ध महोत्सव, जानें क्या होगी खासियत

बोधगया वह स्थान है जहां महात्मा बुद्ध को बोध या ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यहां महाबोधि मंदिर के दर्शन करने के लिए देश- विदेश से श्रद्धालु आते हैं। यह पावन स्थान बिहार में स्थित है, बोधगया जाने के लिए सोच रहे हैं तो 27 से 29 जनवरी के बीच में जा सकते हैं। इस समय बोधगया महोत्सव की शुरुआत होने वाली है। इस तीन दिवसीय आयोजन में शामिल होने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी मौजूद है जो बहुत ही उत्साह के साथ इस महोत्सव में हिस्सा लेते हैं। आइये जानते हैं इस महोत्सव की कुछ खास बातें-

बौद्ध महोत्सव
बौद्ध महोत्सव की शुरुआत 1998 में हुई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। बौद्ध महोत्सव की तैयारियां पूरे जोरों पर है, इस महोत्सव के दौरान कालचक्र मैदान में व्यंजन मेला और ग्राम श्री स्टाल लगाया जाता है। इसमें ग्राम श्री मेला में 35 और व्यंजन मेला में कुल 20 स्टाल लगाए जा रहे हैं। मुख्य मार्गों को विशेष रूप से लाइटों से सजाया जा रहा है। यह सजावट महाबोधि मंदिर से लेकर चिल्ड्रन पार्क और वर्मा मोड़ तक होगी। होटल के मालिकों को होटल्स की विशेष रूप से सजावट करने के लिए निर्देश दिया गया है जिससे बोधगया नगरी दिव्य और भव्य दिखाई दे।

28 जनवरी को होगी ज्ञानयात्रा  
बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन ज्ञान यात्रा का आयोजन किया जायेगा। पहले यह यात्रा महोत्सव शुरू होने के एक दिन पहले होती थी लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के चलते इसका आयोजन 28 जनवरी को किया जायेगा। इसमें कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय की छात्राओं के साथ ही अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। ज्ञान यात्रा सुबह तथागत की तपस्थली ढूंडेश्वरी से शुरू होगी और महाबोधि तक जाएगी। ग्राम श्री मेला के अंतर्गत महिलाओं के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

बोध गया का धार्मिक महत्व    
माना जाता है प्रभु श्री राम ने अपने पितरों का पिंडदान बोधगया में ही किया था। मान्यता है गया में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश बोधगया में ही दिया।    

कैसे पहुंचे बोधगया      
बोधगया रेलवे स्टेशन देश के हर हिस्से से जुड़ा हुआ है। यहां आप आसानी से पहुंच सकते है।

Date and history of bodh mahotsav

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero