नयी दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) एक बार फिर गलत कारणों से चर्चा में है क्योंकि सीनियर और अंडर-25 पुरुष चयनकर्ता मयंक सिदाना चयन समिति के अध्यक्ष गगन खोड़ा और सचिव सिद्धार्थ साहिब सिंह के साथ विवाद के बाद चयन समिति की बैठक के बीच से उठकर चले गए। इसके अलावा दिल्ली के मुख्य कोच अभय शर्मा का मध्य क्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज आयुष बडोनी को नमी वाली पिच पर रणजी पदार्पण के दौरान जयदेव उनादकट जैसे दिग्गज घरेलू तेज गेंदबाज के खिलाफ पारी का आगाज कराने का फैसला भी समीक्षा के दायरे में है।
दिल्ली की 19 सदस्यीय टीम में शामिल दो विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज वैभव शर्मा और सलील मल्होत्रा अभी टीम होटल में हैं क्योंकि बीसीसीआई के नियम 15 से अधिक खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में मौजूद रहने की स्वीकृति नहीं देते। दिल्ली की सीनियर टीम सौराष्ट्र के खिलाफ पहली पारी में 20 रन से कम पर सिमटने के कगार पर थी लेकिन अंतत: 133 रन बनाने में सफल रही। उनादकट ने रणजी इतिहास में पहली बार पहले ओवर में हैट्रिक सहित 39 रन पर आठ विकेट चटकाए। पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता खोड़ा और पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर सचिव वर्मा ने सिदाना पर आरोप लगाया कि वह सीके नायुडू ट्रॉफी के लिए अंडर-25 टीम में कुछ संदिग्ध खिलाड़ियों को शामिल करना चाहते थे।
बुधवार को डीडीसीए की सीनियर चयन समिति की दिल्ली अंडर-25 टीम का चयन करने के लिए बैठक थी और सिदाना टीम सूची पर हस्ताक्षर किए बगैर बैठक से उठकर चले गए। पंजाब के लिए 30 प्रथम श्रेणी, 33 लिस्ट ए और 22 टी20 मैच खेलने वाले सिदाना ने पीटीआई को बताया कि हां, मैने अध्यक्ष और अन्य चयनकर्ता अनिल भारद्वाज के निश्चित खिलाड़ियों को चुनने का विरोध किया। यहां तक कि सचिव सिद्धार्थ वर्मा ने मेरी आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए मैंने टीम की सूची पर भी हस्ताक्षर नहीं किए और उठकर बाहर आ गया। सब कुछ कैमरा में रिकॉर्ड है।
मतभेद का कारण पूछने पर सिदाना ने कहा कि खोड़ा ने अंडर-25 का कोई भी ट्रायल मुकाबला नहीं देखा और अन्य चयनकर्ता भारद्वाज सिर्फ एक खिलाड़ी को टीम में शामिल करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मेरे कहना था कि जब उसे बीसीसीआई (अंडर-25) टूर्नामेंट में पहले मौका दिया गया तो उसका प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं था लेकिन उन्होंने ट्रायल मुकाबलों के नतीजों के आधार पर चलने का फैसला किया। मैं अनुचित कार्यों का समर्थन नहीं कर सकता। भारत के लिए दो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले खोड़ा से जब सिदाना के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं पर्याप्त क्रिकेट खेला है और राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहा हूं। मैं सिदाना के आरोपों का जवाब देकर अपना अपमान नहीं करना चाहता। मैं एक भी शब्द नहीं कहूंगा। आप उससे जाकर पूछिए कि वह क्यों बैठक छोड़कर गया।
खोड़ा ने हालांकि जब यह पूछा गया कि बडोनी को मुश्किल पिच पर पारी का आगाज करने की जिम्मेदारी क्योंकि दी गई जबकि टीम में दो विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज थे तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। खोड़ा ने कहा, ‘‘देखिये हम टीम का चयन करते हैं और कोच अंतिम एकादश का। हम हस्तक्षेप नहीं करते। डीडीसीए सचिव से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई गलत चयन नहीं हुआ। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के बेटे और भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश वर्मा के छोटे भाई सिद्धार्थ ने कहा कि मयंक सिदाना गगन वत्स नाम के खिलाड़ी को टीम में शामिल करना चाहता था। हम स्कोर शीट दिखा सकते हैं कि सोलंकी ने ट्रायल मुकाबलों में वत्स से अधिक रन बनाए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने टीम शीट पर हस्ताक्षर नहीं किए।
वर्मा के खिलाफ एक अन्य आरोप यह है कि उन्होंने भारत के पूर्व तेज गेंदबाज और अंडर-25 कोच पंकज सिंह को निजी तौर पर चयन बैठक में मौजूद रहने की स्वीकृति नहीं दी। डीडीसीए के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उसे बैठक में स्वीकृति नहीं दी गई क्योंकि उनके पास चर्चा में निजी तौर पर मौजूद रहने के लिए सचिव की स्वीकृति नहीं थी। ऐसा तब था जबकि कोच के रूप में उनकी सलाह जरूरी थी। दिल्ली और रेलवे के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने वाले वर्मा ने इस कदम का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हमने कांफ्रेंस कॉल पर पंकज को जोड़ा और उनका नजरिया जाना।’’ डीडीसीए के सचिव के पास हालांकि रणजी टीम के मुख्य कोच के कुछ सवालिया फैसलों को कोई जवाब नहीं था। वैभव और सलील टीम होटल में क्यों बैठे हैं जबकि दोनों दिल्ली की अंडर-19 और अंडर-25 टीम के लिए पारी का आगाज कर चुके हैं।
भारत की इमर्जिंग टीम में शामिल और पिछले मैच तक उप कप्तान हिम्मत सिंह को कैसे टीम से बाहर कर दिया गया। दिल्ली सिर्फ दो विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ क्यों खेल रहा है। ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब की तलाश है।
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