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दिल्ली वालों का घुट रहा है दम, सरकारें कर रही हैं राजनीति! वायु प्रदूषण पर मची अब तक की सियासत और एक्शन पर एक नजर

दिल्ली वालों का घुट रहा है दम, सरकारें कर रही हैं राजनीति! वायु प्रदूषण पर मची अब तक की सियासत और एक्शन पर एक नजर

दिल्ली वालों का घुट रहा है दम, सरकारें कर रही हैं राजनीति! वायु प्रदूषण पर मची अब तक की सियासत और एक्शन पर एक नजर

दिल्ली की हवा शुक्रवार (4 नवंबर) को और खराब हो गई। शहर के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को 'गंभीर' श्रेणी में रिपोर्ट किया। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एक पूर्वानुमान एजेंसी सफर के अनुसार राजधानी में समग्र एक्यूआई 472 रहा है। यह दर्शता है कि दिल्ली वाले बिना सिगरेट के अपने फेफड़े जला रहे हैं। मासूम बच्चे भी प्रदूषण के प्रकोप ने परेशान हैं। बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। ऐसे में बच्चों को रोजाना स्कूल-ट्यूशन जाता पड़ता हैं। दिल्ली के केजरीवाल सरकार प्राइमरी स्कूल को बंद करने का फैसला किया हैं। बच्चों को कल से ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा। जब तक प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं होता हैं। वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बी चिंता जताई थी और केंद्र -राज्य सरकार से मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की बात कही हैं। इसके तुरंत बाद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ प्रेस कॉन्सफ्रेंस की।
 

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दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब 
नोएडा (यूपी) में एक्यूआई 562, गुरुग्राम (हरियाणा) में 539 और फरीदाबाद (हरियाणा) में 500 था।
 
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वर्तमान में नोएडा (यूपी) में 562 'गंभीर' श्रेणी में, 539 गुरुग्राम (हरियाणा) में 'गंभीर' श्रेणी में और 563 दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 'गंभीर' श्रेणी में है।
 

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दिल्ली का समग्र एक्यूआई वर्तमान में 'गंभीर' श्रेणी में 472 
दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई, जो इस सीजन में अब तक का सबसे अधिक है, जो विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी पर तीखी धुंध की मोटी परत के पीछे का कारण था।

दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता नवीनतम घटनाक्रम:
1) दिल्ली में वायु प्रदूषण के असामान्य रूप से उच्च स्तर से चिंतित, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने गुरुवार शाम को राजधानी में गैर-जरूरी सामान ले जा रहे डीजल ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

2) पिछले हफ्ते, जैसा कि वायु गुणवत्ता में गिरावट आई थी, सीएक्यूएम ने अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत आवश्यक परियोजनाओं और अन्य प्रतिबंधों को छोड़कर।

3) एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी स्कूलों को गुरुवार को कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए 8 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा गया था। गौतम बौद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) धर्मवीर सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों को कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए यथासंभव ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए भी कहा गया है। आदेश में आगे कहा गया है कि सभी स्कूलों में खेल या बैठक जैसी बाहरी गतिविधियाँ पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगी।

4) राजधानी में अभिभावकों की ओर से स्कूलों को बंद करने की मांग को लेकर शोर-शराबा बढ़ रहा था जिसके बाद दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पहले दिल्ली सरकार से वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूलों को बंद करने को कहा था।

5) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जीआरएपी के अंतिम चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ऑड-ईवन के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है। वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने पर केंद्र और राज्य सरकारें फैसला ले सकती हैं।
 
6) राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) नीत राज्य सरकार से दिल्ली में सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश देने की मांग की थी। दिल्ली भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘आप’ सरकार बच्चों के जीवन से खिलवाड़ बंद करते हुए सभी स्कूल को बंद करे। 
 
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के स्कूलों में आठ नवंबर तक ऑनलाइन पढ़ाई
7) राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला स्थित नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी विद्यालयों में आठवीं कक्षाओं तक के विद्यार्थियों के लिए अगले मंगलवार तक ऑनलाइन पढ़ाई होगी। बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई। गौतमबुद्ध नगर जिला स्कूल निरीक्षक (डीआईओएस) धर्मवीर सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, स्कूलों से कहा गया है कि अगर संभव हो तो नौंवी से 12वीं कक्षाओं की पढ़ाई भी ऑनलाइन कराई जाए। आदेश में बाहरी गतिविधियों जैसे खेल और प्रार्थना सभा पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। सिंह ने कहा, ‘‘सभी स्कूलों को आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई ऑनलाइन कराने का निर्देश दिया जाता है। उनसे संभव होने पर नौंवी से 12वीं कक्षा की पढ़ाई भी ऑनलाइन माध्यम से कराने को कहा गया है।
 
वायु प्रदूषण फैलाने पर नोएडा प्राधिकरण ने 4.25 लाख का जुर्माना लगाया
वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार को विभिन्न प्रतिष्ठानों पर 4.25 लाख रू का जुर्माना लगाया है। नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के प्रावधानों के अंतर्गत नोएडा प्राधिकरण की टीम ने समस्त क्षेत्रों के मुख्य मार्गों पर 63 टैंकरों के माध्यम से लगभग 165 किलोमीटर में पानी का छिड़काव किया ताकि सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्राधिकरण के उद्यान विभाग द्वारा 15 वाटर टैंकरों के माध्यम से 25 किलोमीटर लंबाई में सेंट्रल वर्ज एवं पेड़ पौधों की धुलाई की गई। खुले में निर्माण सामग्री रखने एवं वायु प्रदूषण संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर 14मामलों में 4.20 लाख रुपए का अर्थदंड वसूला गया। उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कूड़ा फैलाने के प्रकरण में एक संस्थान से 5 हजार रुपये का अर्थदंड वसूला गया।उन्होंने बताया कि नोएडा के विभिन्न स्थानों से कुल 260.75 टन मलबे को उठाया गया एवं इसे निस्तारण हेतु सेक्टर 80 स्थित प्रोसेसिंग प्लांट पर पहुंचाया गया। अधिकारी ने बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुल 67 मार्गों पर लगभग 300 किलोमीटर लंबाई में 9 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से सड़कों की सफाई कराई गई। सड़कों पर छिड़काव एवं उनकी धुलाई हेतु एसटीपी के शोधित जल का उपयोग किया जा रहा है।
 

Delhiites are suffocating a look at the politics and action on air pollution so far

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