शीर्ष भारतीय-अमेरिकी कारोबारी एवं डेलॉयट ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद से हाल में सेवानिवृत्त हुए पुनीत रंजन ने कहा कि भविष्य के उनके प्रयासों में खासतौर से भारत में जलवायु संकट के प्रकृति आधारित समाधान खोजना शामिल होगा। रंजन ने हाल में एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरे भविष्य के प्रयासों में भारत शामिल होने जा रहा है। मैं भारत और जिस यात्रा पर वह है, उसे लेकर बहुत उत्साही हूं। मेरा दृढ़ता से मानना है कि यह भारत की सदी है।’’ रंजन (61) ने पिछले महीने डेलॉयट से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है और अब बाकी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए भारत के पास यह एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मेरा ध्यान जलवायु, खासतौर से जलवायु संकट के प्रकृति आधारित समाधान पर केंद्रित होगा।’’ रंजन ने कहा कि वह भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के दौरान डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य देखाभाल के संबंध में किए गए डेलॉयट के काम के आधार पर भारत पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसे भारत की सदी बताते हुए रंजन ने कहा कि इस साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और जर्मनी एवं जापान से आगे निकलते हुए वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आर्थिक तथा राजनीतिक दृष्टिकोण से अगले 25 साल में भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनेगा, लेकिन मुझे लगता है कि भारत को जलवायु, समावेशी वृद्धि और वंचितों को गरीबी से बाहर निकालने जैसे अन्य मुद्दों पर नेतृत्व करना चाहिए। भारत अनूठे भारतीय तरीके से यह कर सकता है। मुझे अपनी अगली पारी में इस पर भी ध्यान लगाना होगा।
Deloitte ceo puneet ranjan to work on nature based solutions to indias climate crisis
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero