क्या फिर से देश में नोटंबदी होने वाली है? साल 2016 की तरह अब एक बार फिर से आपकी जेब में कैश की किल्लत होती नजर आएगी। लेकिन डरने की बात नहीं है। यहां मामला थोड़ा अलग है। ई-रुपये के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। 1 दिसंबर से भारत में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। डिजिटल क्रांति के इस दौर में अब रुपया भी डिजिटल हो गया है। आज भले ही यूपीआई और पेटीएम का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा हो। लेकिन आपको बता दें कि आंकड़ों की मानें तो जनता के बीच मौजूद नकदी 21 अक्टूबर 2022 तक 30.88 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। मतलब साफ है कि देश में नगदी का इस्तेमाल भी भरपूर स्तर पर किया जा रहा है। लेकिन आने वाले वक्त में जेब में कैश रखकर चलना पुराने जमाने की बात हो जाएगी। आम भारतीयों के लिए डिजिटल रुपया आ गया है।
क्या है डिजिटल रुपया?
आम लोगों के मन में डिजिटल रुपया को लेकर कई तरह के सवाल है। हर कोई जानना चाह रहा है कि डिजिटल रुपया यानी ई रुी क्या है। डिजिटल रुपया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में भी जाना जाता है। ये एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप है। यह बैंक नोटों से काफी अलग नहीं है, लेकिन डिजिटल होने की वजह से इसके आसान, तेज और सस्ता होने की संभावना है।
क्या नोटबंदी जैसा फैसला फिर से लिया जा सकता है?
8 नवंबर 2016 की वो तारीख को भला कौन भुला सकता है। देश में नोटबंदी के ऐलान के साथ ही 500 और 1000 रुपये के नोटों पर बैन लग गया था। केंद्र के इस फैसले के बाद देशभर के एटीएम और बैंकों में लोगों की लंबी कतारें नजर आईं थीं। हर तरफ अफरा तफरी का माहौल था। ऐसे में जब एक बार फिर डिजिटल रुपया के लॉन्च होने के बाद यह बात सामने आ रही है कि इससे कैश रखने की जरूरत नहीं होगी, तो लोगों को एक बार फिर यह डर सताने लगा है कि क्या फिर से नोटबंदी होने वाली है। लेकिन घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है क्योंकि सरकार जल्दबाजी में नोटबंदी जैसा कोई फैसला नहीं लेने जा रही है।
Demonetisation going to happen again because of this it is bothering people
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