डेनमार्क में मंगलवार को हुए चुनाव में ‘सोशल डेमोक्रेट्स’ पार्टी के सर्वाधिक मत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन सत्ता में बने रहने के लिए मजबूत स्थिति में हैं। सोशल डेमोक्रेट्स के समर्थक एक मध्यमार्गी-वामपंथी गुट ने मात्र एक सीट से संसद में बहुमत बरकरार रखता प्रतीत हो रहा है। ये परिणाम प्रारंभिक हैं और इस अनुमान पर आधारित हैं कि ग्रीनलैंड में मतों की गिनती में डेनमार्क के स्वायत्त क्षेत्र की दो सीटें मध्यमार्गी-वाम दल को जाएंगी। फ्रेडरिकसन ने बुधवार सुबह कोपेनहेगन में अपने समर्थकों से कहा, ‘‘मैं बहुत रोमांचित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हमने पिछले 20 साल में सबसे अच्छा चुनाव परिणाम हासिल किया है।”
फ्रेडरिकसन ‘सोशल डेमोक्रेटिक’ की अल्पसंख्यक सरकार का नेतृत्व करती हैं। जीत के बावजूद उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देंगी और विभिन्न राजनीतिक दलों के व्यापक समर्थन के साथ एक नयी सरकार बनाने की कोशिश करेंगी। फ्रेडरिकसन ने कहा, ‘‘यह भी स्पष्ट है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसलिए, कल मैं इस्तीफा सौंप दूंगी।” उन्होंने कहा कि वह नई सरकार बनाने को लेकर वार्ता करने के लिए अन्य दलों के साथ बैठक करेंगी।
सोशल डेमोक्रेट्स 28 प्रतिशत मतों के साथ डेनमार्क की शीर्ष पार्टी है, लेकिन देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मध्यमार्गी-वाम दल मिलकर 179 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए आवश्यक 90 सीट हासिल कर पाएंगे या नहीं। प्रारंभिक परिणामों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री लार्स लोके रासमुसेन किंगमेकर की नवगठित मध्यमार्गी पार्टी ने 16 सीटों के चुनाव में नौ प्रतिशत मत हासिल किए हैं। लोके रासमुसेन ने कहा कि वह भी चाहते थे कि मेटे फ्रेडरिकसन सरकार बनाने की कोशिश करें, लेकिन वह ‘‘प्रधानमंत्री के रूप में उनका’’ नाम नहीं सुझाएंगे।
Denmark election prime minister mette fredriksson can remain in government with the most votes
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