National

सरहद पर चीन को सीधा संदेश, भारत LAC के पास बना रहा 2000 KM लंबा सड़क, कैसे साबित होगा गेमचेंजर

सरहद पर चीन को सीधा संदेश, भारत LAC के पास बना रहा 2000 KM लंबा सड़क, कैसे साबित होगा गेमचेंजर

सरहद पर चीन को सीधा संदेश, भारत LAC के पास बना रहा 2000 KM लंबा सड़क, कैसे साबित होगा गेमचेंजर

सरहद पर चीन की किसी भी हिमाकत से निपटने के लिए भारत बिल्कुल तैयार है।भारत के इंफ्रास्ट्रचर बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि देखने को मिलेगी। अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे का निर्माण चीन को जवाब देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 40 हजार करोड़ की लागत से फ्रंटियर हाइवे का निर्माण किया जाएगा। इस हाइवे को अरुणाचल के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है। चीन की हरेक गतिविधि पर इस हाइवे के जरिये नजर रखी जाएगी। 

कैसे साबित होगा गेमचेंजर 

वो हाइवे जहां पर  भारत और चीन की सेनाएं लंबे वक्त से एक दूसरे के आमने सामने हैं और तनाव पूरी तरह से अभी खत्म नहीं हुआ है। इसकी लंबाई 2 हजार किलोमीटर की है। ये मैकमोहन लाइन से होकर गुजरेगा। इस हाइवे की कुल लागत 40 हजार करोड़ की है। म्यांमार तक ये हाइवे जाएगा और पूरे अरुणाचल को कनेक्ट करेगा। इस हाइवे को अरुणाचल के लिए लाइफलाइन कहा जा रहा है। एनएचएआई और बीआरओ पर इसके निर्माण की जिम्मेदारी है। यह सड़क भूटान से सटे अरुणाचल प्रदेश में मागो से शुरू होगी और म्यांमार सीमा के पास विजयनगर में समाप्त होने से पहले तवांग, ऊपरी सुबनसिरी, तूतिंग, मेचुका, ऊपरी सियांग, देबांग घाटी, देसाली, चागलागम, किबिथू, डोंग से होकर गुजरेगी।

इसे भी पढ़ें: चीन के राष्ट्रपति शी ने मूल हितों पर क्यूबा का समर्थन करने का संकल्प लिया

छह वर्टिकल और डायगोनल इंटर हाईवे कॉरिडोर 

कुल 2,178 किलोमीटर के छह वर्टिकल और डायगोनल इंटर हाईवे कॉरिडोर बनाए जाएंगे ताकि तीन हाईवे के बीच लापता इंटर-कनेक्टिविटी के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों तक तेजी से पहुंच प्रदान की जा सके। गलियारों में 402 किलोमीटर लंबा थेलामारा-तवांग-नेलिया राजमार्ग, 391 किलोमीटर लंबा इटाखोला-पक्के-केसांग-सेप्पा-पारसी परलो राजमार्ग, 285 किलोमीटर लंबा गोगामुख-तलिहा-तातो राजमार्ग, जोर्जिंग-पैंगो हाईवे, 298 किलोमीटर लंबा पासीघाट-बिशिंग हाईवे और 404 किलोमीटर लंबा कानुबारी-लोंगडिंग हाईवे, 398 किलोमीटर लंबा अकाजन शामिल हैं।

 अपने साथ पड़ोसियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी

हाइवे के निर्माण के बाद सीमा पर सैन्य मूवमेंट में काफी आसानी होगी। इसके साथ ही चीन के किसी भी निर्माण पर इससे नजर रखी जा सकेगी। भारत अपने साथ-साथ अपने पड़ोसियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, क्योंकि म्यांमार की सीमा भी इससे सुरक्षित होगी। सरहदी इलाकों से पलायन रुकेगा क्योंकि कहीं न कहीं ये लोगों के लिए बहुत अहम है। 

इसे भी पढ़ें: 26/11 के 14 साल: आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदायों का डबल स्टैंडर्ड, इंसाफ अब भी अधूरा, चीन का वीटो वाला साथ और पाकिस्तान ग्रे लिस्ट आउट

ड्रैगन ने जताई आपत्ति

चीन ने 2014 में ही इस परियोजना पर आपत्ति जताई थी, जब यह रिपोर्ट सामने आई थी कि प्रस्ताव को प्रधान मंत्री कार्यालय से प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा, "सीमा समस्या के समाधान से पहले, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष कोई ऐसी कार्रवाई नहीं करेगा जो प्रासंगिक मुद्दे को और जटिल बना सके, ताकि सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता की मौजूदा स्थिति को बनाए रखा जा सके। 

Direct message to china on border 2000 km long road being built near india lac

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero