कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अप्रैल 2020 से अबतक 3.9 लाख करोड़ रुपये का मुफ्त खाद्यान्न पात्र लोगों को उपलब्ध कराया है। पीएमजीकेएवाई योजना अप्रैल, 2020 में शुरू की गई थी और इसे कई बार बढ़ाया गया है। सितंबर-अंत में इस योजना को दिसंबर, 2022 (सातवां चरण) तक तीन महीने के लिए और बढ़ाया गया। योजना के तहत केंद्र हर महीने 80 करोड़ गरीबों को पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त देता है।
यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आपूर्ति किए गए खाद्यान्न के अतिरिक्त है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से संबंधित उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए तोमर ने कहा कि पीएमजीकेएवाई को कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान के चलते गरीबों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने और खाद्य सुरक्षा पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए शुरू किया गया था। एक सरकारी बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत अबतक 3.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक के खर्च के साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 1,118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया गया है।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकार ने वर्ष 2021-22 में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर 2.75 लाख करोड़ रुपये की फसलों की रिकॉर्ड खरीद की है। तोमर ने कहा कि महत्वाकांक्षी ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना से देशभर के गरीबों को काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड (पोषक तत्व मिश्रित) चावल के वितरण, लक्षित सार्वजनिक वितरण और केंद्र की अन्य योजनाओं सहित विभिन्न पहलों को सभी लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। एक देश एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसे सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है, जिसमें लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी शामिल हैं।
अगस्त, 2019 में ओएनओआरसी योजना शुरू होने के बाद से 93 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन पंजीकृत किए गए हैं, जिसमें 177 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। वर्ष 2022 के दौरान, 11 महीनों में 39 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए, जिसमें 80 लाख टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। तोमर ने आगे कहा कि वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न (गेहूं, धान और दालों सहित) की कुल खरीद 759.44 लाख टन की हुई थी, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1,345.45 लाख टन हो गई है। इसी तरह, वर्ष 2014-15 में एमएसपी मूल्य के हिसाब से खर्च 1.06 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2.75 लाख करोड़ रुपये हो गया।
Distribution of free foodgrains worth rs39 lakh crore since april 2020 under pmgkay
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero