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अर्थव्यवस्था के लिये दोहरी राहत, महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर पर, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा

अर्थव्यवस्था के लिये दोहरी राहत, महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर पर, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा

अर्थव्यवस्था के लिये दोहरी राहत, महंगाई घटकर एक साल के निचले स्तर पर, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बृहस्पतिवार को दोहरी राहत रही। जहां एक तरफ तरफ मुद्रास्फीति नरम पड़कर एक साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गयी, वहीं विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन 7.2 प्रतिशत बढ़ा। इसके साथ यह लगातार दूसरा महीना है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत की संतोषजनक सीमा के उच्च स्तर से नीचे है। इससे आरबीआई नीतिगत दर में वृद्धि को लेकर नरम रुख अपना सकता है।

रिजर्व बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ महंगाई दर चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू में लाने के लिये मई, 2022 से नीतिगत दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। पिछली बार केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की जबकि उससे पहले लगातार तीन बार 0.50-0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर, 2022 में घटकर एक साल के निचले स्तर 5.72 प्रतिशत पर आ गयी। मुख्य रूप से सब्जियों के दाम कम होने से महंगाई दर कम हुई है। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2022 में 5.88 प्रतिशत और दिसंबर, 2021 में 5.66 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर से लगातार घट रही है। दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.19 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा दिसंबर, 2021 में 4.05 प्रतिशत था।

समीक्षाधीन माह में सब्जियों की कीमत सालाना आधार पर 15 प्रतिशत से अधिक घट गई। दिसंबर, 2022 में फल दो प्रतिशत महंगे हुए। इसी तरह ‘तेल और वसा’ तथा ‘चीनी और कन्फेक्शनरी’ की कीमतों में भी मामूली बढ़ोतरी हुई। हालांकि, मसाले करीब 20 प्रतिशत और अनाज करीब 14 फीसदी महंगे हुए। ईंधन और प्रकाश सूचकांक में दिसंबर में सालाना आधार पर करीब 11 प्रतिशत की तेजी रही। दूसरी तरफ, विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश के औद्योगिक उत्पादन में नवंबर, 2022 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

यह पांच महीने का उच्चस्तर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के जरिये मापा जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में इससे पहले अक्टूबर में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पहले, जून 2022 में इसमें रिकॉर्ड 12.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विनिर्माण क्षेत्र में नवंबर, 2022 में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं खनन उत्पादन आलोच्य महीने में 9.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत थी।

बिजली उत्पादन 12.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले नवंबर महीने में यह 2.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा कि मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति भी नरम पड़कर 6.09 प्रतिशत पर आ गयी जो अप्रैल 2022 में 7.09 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि हालांकि मुख्य मुद्रास्फीति पिछले 20 महीनों से 5.7 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। यह औसतन 6.07 प्रतिशत रही है। इसका मतलब है कि मुख्य मुद्रास्फीति स्थिर और ऊंची बनी हुई है।

Double relief for the economy inflation reduced to a years low industrial production increased

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