सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए एक स्व-नियामकीय व्यवस्था बनाए जाने के साथ ही भारत में स्थित उनके पते का सत्यापन अनिवार्य करने का प्रावधान नियमों के मसौदे में किया है। सोमवार को प्रकाशित इन नियमो के मसौदे के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत लाया जाएगा। ये नियम सोशल मीडिया कंपनियों के लिए वर्ष 2021 में जारी किए गए थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नियमों के मसौदे में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में लागू कानूनों का अनुपालन जरूरी करने के साथ ही कहा है कि जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित कोई भी कानून इन कंपनियों पर लागू होगा। मंत्रालय ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘मसौदा संशोधनों का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों की वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें जिम्मेदार ढंग से संचालित करना है।’’
नियमों के मसौदे में गेमिंग कंपनियों के लिए जांच-परख संबंधी अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं। इनमें एक स्व-नियामकीय निकाय के पास पंजीकृत सभी ऑनलाइन गेम्स के लिए पंजीकरण चिह्न का प्रदर्शन और खेल में शामिल होने वाले व्यक्तियों को जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती हुई रकम के वितरण और फीस एवं अन्य शुल्कों के बारे में अवगत कराना शामिल है।
सार्वजनिक सूचना के मुताबिक, ‘‘स्व-नियामकीय निकाय का मंत्रालय के पास पंजीकरण कराना होगा। यह निकाय ऑनलाइन गेम्स की पेशकश करने वाली मध्यवर्ती कंपनियों का पंजीकरण उनकी अर्हता के आधार पर करेगा। ऐसा निकाय एक शिकायत निपटान व्यवस्था के जरिये आने वाली शिकायतों का निपटारा भी करेगा।’’ मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग के नियमन से संबंधित इन नियमों के मसौदे पर 17 जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
Draft rules for online gaming companies released
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