संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) ने चीन, रूस तथा भारत सहित कई देशों की आपत्तियों के बावजूद नौ गैर-सरकारी संगठनों को विशेष सलाहकार का दर्जा देने के पक्ष में मतदान किया है। संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख निकायों में से एक ईसीओएसओसी आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से संबंधित निकाय है। ईसीओएसओसी ने नौ समूहों को विशेष सलाहकार का दर्जा देते हुए बुधवार को आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के साथ ‘एपलिकेशन्स ऑफ नॉन-गर्वमेंट ऑर्गनाइजेशन फॉर कंसल्टेटिव स्टेटस’ पर अमेरिका के मसौदे पर मतदान किया।
इन गैर-सरकारी संगठनों में इंटरनेशनल दलित सॉलिडेरिटी नेटवर्क (आईडीएसएन), अरब यूरोपियन सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड इंटरनेशनल लॉ, बहरीन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, कॉप्टिक सॉलिडेरिटी गल्फ सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स, अंतर्क्षेत्रीय गैर-सरकारी मानवाधिकार संगठन मैन एंड लॉ, द एंड्री रिलकोव फाउंडेशन फॉर हेल्थ एंड सोशल जस्टिस, द वर्ल्ड यूनियन ऑफ कोसैक एटामैन्स और वर्ल्ड विदाउट जेनोसाइड शामिल हैं। मतदान में मसौदे के पक्ष में 24 मत पड़े, जबकि इसके खिलाफ 17 वोट आए। वहीं 12 सदस्य मतदान के समय मौजूद नहीं थे।
‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ (एचआरडब्ल्यू) में संयुक्त राष्ट्र के निदेशक लुई चार्बोनियू ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को ‘‘नौ मानवाधिकारों और अन्य नागरिक संगठनों को मान्यता देने के लिए मतदान करना चाहिए, जिनके संयुक्त राष्ट्र के आवेदन चीन, रूस और भारत सहित कई देशों द्वारा मान्यता प्रक्रिया में बाधा डालने के कारण अटके हुए हैं।’’
चार्बोनियू ने कहा, ‘‘ आईडीएसएन को मान्यता देने मेंसबसे बड़ी बाधा भारत ने पेश की है, आईडीएसएन दुनिया भर में जातिगत भेदभाव व अन्य प्रकार के भेदभाव को खत्म किए जाने की वकालत करता है।’’चार्बोनियू ने कहा कि इन नौ समूहों को मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र में नागरिक संगठनों के महत्व के बारे में एक ‘‘कड़ा संकेत’’ जाएगा।
Ecosoc recognized nine non governmental organizations
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero