गुजरात में हो रहे चुनाव, लेकिन धड़कनें कर्नाटक में भाजपा विधायकों की बढ़ी हैं, जानिए क्या है पूरा मामला
गुजरात में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। गुजरात में दो चरणों में विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। गुजरात में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन अगले साल कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कर्नाटक में भी भाजपा के विधायक अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। खुद की जमीनी पकड़ को मजबूत करने लगे हैं। लेकिन गुजरात चुनाव की वजह से उनको एक डर भी सताने लगा है। वह डर उन विधायकों के टिकट कटने का है। दरअसल, गुजरात में भाजपा ने टिकट बंटवारे के दौरान लगभग 30 से ज्यादा मौजूद का विधायकों के टिकट कांट दिए। इनमें मौजूदा विधायक और पूर्व सीएम विजय रूपाणी और पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल का भी नाम है। 5-6 महीने के बाद कर्नाटक में भी विधानसभा के चुनाव होंगे।
ऐसे में कर्नाटक के मौजूदा विधायकों को इस बात की टेंशन सताने लगी है कि कहीं उनका भी टिकट ना काट दिया जाए। कर्नाटक में भाजपा के वरिष्ठ विधायकों को लगने लगा है कि अचानक ऐसा ना हो कि पार्टी उनका टिकट काट दे जिसकी वजह से उनका कैरियर अचानक ही समाप्त हो जाए। पिछले दिनों कर्नाटक से राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने विधायकों से एक अपील की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि गुजरात मॉडल का पालन करते हुए स्वेच्छा से कुछ नेता चुनावी राजनीति से किनारा कर सकते हैं ताकि युवाओं को मौका मिले। राज्यसभा सांसद की यह अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेंगलुरु यात्रा से ठीक 1 दिन पहले आई थी। यही कारण है कि कर्नाटक के वरिष्ठ विधायक यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या उनके भी टिकट काट जा सकते हैं।
दरअसल, भाजपा ने गुजरात में उम्रदराज विधायकों के भी टिकट काटे हैं। इसके अलावा ऐसे विधायकों के भी टिकट काटे हैं जो कि अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। फिलहाल कर्नाटक की बात करें तो यहां 20 से ज्यादा ऐसे विधायक हैं जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा, जीएच थिप्पारेड्डी और एसए रवींद्रनाथ भी हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह लगातार पार्टी में युवा चेहरों को मौका देना चाहते हैं। वे ज्यादातर युवा सांसदों को अग्रिम मोर्चे पर पार्टी के लिए काम करने की भी बात करते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कर्नाटक चुनाव को लेकर भाजपा की राजनीति क्या होती है।
Elections in gujarat but beating of bjp mlas has increased in karnataka know reason