नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के केंद्रीय अनुबंधित महिला और पुरूष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने के फैसले की क्रिकेट जगत ने प्रशंसा की है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह खेल को लैंगिक समानता की ओर पहुंचाने के लिये महज एक कदम है और अधिक समावेशिता तभी हासिल की जा सकती है जब मार्च में महिलाओं की शुरूआती इंडियन प्रीमियर लीग आयोजित की जायेगी। नयी व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब पुरुष क्रिकेटरों के समान प्रत्येक टेस्ट के लिए 15 लाख रूपये, वनडे के लिए छह लाख और टी20 के लिए तीन लाख रूपये मैच फीस देगा। हालांकि पुरूष क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध में ए कैटेगरी में पांच करोड़ रूपये मिलते हैं जबकि महिलाओं के लिये यह राशि 50 लाख रूपये है। भारत के लिये पांच टेस्ट, 116 वनडे और 41 टी20 मैच खेलने वाली पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा ने कहा, ‘‘यह स्वागत योग्य कदम है, यह सकारात्मक कदम है, लेकिन अगर हम पुरूष और महिलाओं के केंद्रीय अनुबंध देखें तो हम अब भी लैंगिक समानता से काफी दूर हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई भविष्य में इसे देखेगा। ’’
पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी ने कहा, ‘‘मैं बीसीसीआई को महिलाओं की मैच फीस पुरूषों के बराबर करने के लिये बधाई देती हूं। महिलाओं की आईपीएल भी जल्द ही आ रही है, इससे काफी बड़ी संख्या में हमारी महिला क्रिकेटरों पर सकारात्मक असर पड़ेगा जिसमें घरेलू क्रिकेटर भी शामिल हैं। यह कई ‘अनकैप्ड’ खिलाड़ियों के लिये जीवन बदलने वाला हो सकता है। लेकिन हमें एक समय में एक कदम उठाने की जरूरत है। ’’ पहली महिला आईपीएल में कम से पांच टीमें होंगी जिसमें टीम 18 खिलाड़ियों की होंगी। इसमें 12 भारतीय और छह विदेशी खिलाड़ी होगी जिससे स्थानीय खिलाड़ियों की संख्या 60 होगी। बीसीसीआई ने अभी तक न्यूनतम आधार मूल्य का खुलासा नहीं किया है लेकिन एक खिलाड़ी को एक सत्र में कम से कम पांच लाख मिलने की उम्मीद है। एक अन्य पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने कहा, ‘‘महिलाओं की आईपीएल बदलाव लाने वाली होगी और मुझे पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई अन्य क्षेत्रों को भी देखेगा। पांच साल पहले किसने सोचा था कि पुरूष और महिला खिलाड़ियों का वेतन समान होगा और महिलाओं की आईपीएल खेली जायेगी। ’’ पूर्व कप्तान मिताली राज ने कहा, ‘‘यह बीसीसीआई द्वारा लिया गया ऐतिहासिक फैसला है और उन्हें इसके लिये बधाई दी जाने की जरूरत है। मैं कहूंगी कियह भारत में महिला क्रिकेट के लिये सर्वश्रेष्ठ फैसला है। मुझे पूरा भरोसा है कि इससे भारत में महिला क्रिकेट में क्रांति आयेगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘2017 विश्व कप में हमारे प्रदर्शन ने बड़ी भूमिका अदा की। इसी तरह क्रिकेट खेलने वाले शीर्ष देशों के खिलाफ हमारी द्विपक्षीय श्रृंखलाओं का भी इसमें हाथ रहा। यह उनके प्रयासों की वजह से हुआ। ’’ पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला ने कहा, ‘‘जब तक हमें बीसीसीआई की मान्यता नहीं मिली थी, हमें मैच फीस भी नहीं मिलती थी। हम खेल के प्रति लगाव की वजह से खेलते थे जिससे महिला क्रिकेट को बने रहने में मदद मिली। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले पांच वर्षों में महिला क्रिकेट में काफी विकास देखा है। अगर टीम प्रगति करना जारी रखेगी तो शायद हमारा खेल भी पुरूष क्रिकेट की लोकप्रियता की बराबरी कर सकता है। यह एक रात में नहीं हो सकता इसलिये हमें संयम रखना होगा।
Equal pay a step in right direction but women ipl will get more opportunities
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