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हर बार मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी से कांग्रेस को होता है नुकसान, फिर भी जबान क्यों नहीं संभालते नेता?

हर बार मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी से कांग्रेस को होता है नुकसान, फिर भी जबान क्यों नहीं संभालते नेता?

हर बार मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी से कांग्रेस को होता है नुकसान, फिर भी जबान क्यों नहीं संभालते नेता?

गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार की शुरुआत कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए की थी और यह शाब्दिक हमले पहले चरण के मतदान तक जारी रहे। वैसे राजनीति में विचारधारा या सिद्धांतों के आधार पर एक दूसरे पर निशाना साधा जाना चाहिए लेकिन कांग्रेस हर चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करती है जिसका उसे हर बार खामियाजा भी उठाना पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस के नेता बड़बोलेपन में विवादित बयान देते हैं या फिर पार्टी प्रधानमंत्री से कोई निजी द्वेष पाले हुए है?

वर्षों से राजनीति में एक दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाना, कटाक्ष करना तथा आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला चल रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ जिस तरह के अमर्यादित आचरण करने की घटनाएं बढ़ रही हैं वह लोकतंत्र के हित में नहीं हैं। राष्ट्रपति बनने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू जी पर जिस तरह निजी हमले किये गये वह नारी और आदिवासी समाज के प्रति कुंठित सोच रखने वालों की मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

भारत के प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने पूरे विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ाया, जिनसे आज वैश्विक नेता विभिन्न चुनौतियों से निबटने के लिए राय-मशविरा करते हैं, उन जैसे महान व्यक्तित्व से यदि कांग्रेस के नेता 'औकात' पूछने लगें तो प्रश्न उठेगा ही कि कांग्रेस को सामने दिख रही हकीकत क्यों नजर नहीं आती? लंबे अरसे तक इस देश में कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री रहे उसके बावजूद पार्टी यह नहीं समझ पाई है कि प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति एक संवैधानिक संस्था के समान होता है। प्रधानमंत्री के लिए औकात शब्द का प्रयोग करने वाली कांग्रेस यहीं तक सीमित नहीं रही। भगवान राम को काल्पनिक बताने वाली पार्टी ने प्रधानमंत्री को रावण की संज्ञा भी दे डाली है। यह संज्ञा कांग्रेस के किसी छुटभैये नेता ने नहीं बल्कि कांग्रेस के नये अध्यक्ष और राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले वयोवृद्ध नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने दी है। कांग्रेस के मन में मोदी विरोध कितना कूट-कूट कर भरा है यह भी इसी से पता चलता है कि पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि वह गुजरात में सरकार बनने पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदल देगी।

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बहरहाल, इसके अलावा भी हम हाल ही में राजनेताओं की ओर से एक दूसरे पर किये गये शाब्दिक हमलों पर गौर करें तो प्रतीत होता है कि संसदीय राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है। यदि यह सब ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन सदनों में गाली-गलौज तक की नौबत भी आ सकती है। जहां तक अपने ऊपर हो रहे हमलों पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया की बात है तो उनका कहना है कि कांग्रेस के नेताओं में होड़ मची है कि कौन मोदी को सबसे गंदी गाली देगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस जितना कीचड़ उछालेगी, कमल उतना ही खिलेगा। जहां तक कांग्रेस की बात है तो वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है, उससे सर्वाधिक अपेक्षा की जाती है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाये रखने में योगदान दे। लेकिन यदि उसके नेता ऐसे ही अमर्यादित आचरण करते रहे तो यह पार्टी जनता की नजरों से पूरी तरह उतर भी सकती है।

-गौतम मोरारका

Every time comment against modi causes damage to the congress

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