चाय उद्योग पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी की तबाही से अछूता नहीं रहा है। यह क्षेत्र कीमतों में आई कमी और अधिक उत्पादन लागत की स्थिति से जूझ रहा है। दूसरी ओर चाय कारोबार से जुड़ी इकाइयां गुणवत्ता और निर्यात बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की मांग कर रही हैं। चाय पत्ते तोड़ने पर प्रतिबंध के कारण, महामारी की शुरुआत के बाद से पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन में भी कमी देखी गई है। उत्पादन वर्ष 2019 में 139 करोड़ किलोग्राम रह जो वर्ष 2020 में 125.8 करोड़ किलोग्राम और वर्ष 2021 में 132.9 करोड़ किलोग्राम पर आ गया।
इस साल अक्टूबर तक 105 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, उत्पादन में गिरावट से नीलामी में उच्च कीमत प्राप्त करने में मदद मिली है। भारतीय चाय संघ (टीएआई) के महासचिव प्रबीर भट्टाचार्य ने कहा कि हालांकि औसत नीलामी मूल्य वर्ष 2020 में 206 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया था, लेकिन अगले वर्ष यह घटकर 190.77 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में अब तक औसत कीमत 204.97 रुपये प्रति किलोग्राम रही है।
भट्टाचार्य ने कहा, हालांकि, यह वृद्धि पूरे उत्तर भारत में मजदूरी में वृद्धि के साथ-साथ ऊर्जा, उर्वरक और ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत में वृद्धि के कारण हुई है। विशेषज्ञों ने कहा कि चाय का घटता निर्यात भी उद्योग के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। वर्ष 2019 में 25.2 करोड़ किलोग्राम के उच्चतम स्तर से, यह निर्यात वर्ष 2020 में घटकर 21 करोड़ किलोग्राम और वर्ष 2021 में 19.6 करोड़ किलोग्राम रह गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में निर्यात, लगभग 20 करोड़ किलोग्राम होने की उम्मीद है।
भारतीय चाय निर्यात के लिए अस्थाई रूप से ईरान के बाजार का नुकसान भी एक बड़ा झटका है। आईटीए के सचिव सुजीत पात्रा ने कहा, ‘‘ईरान ने भारतीय चाय के लिए ऑर्डर देना क्यों बंद कर दिया है, यह किसी को पता नहीं है। स्वतंत्र देशों के राष्ट्रकुल के बाद, ईरान लगभग 2.8 करोड़ किलोग्राम औसत वार्षिक ऑर्डर के साथ दूसरा सबसे बड़ा आयातक है।’’ सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 में अब तक रूस, यूक्रेन और कजाकिस्तान सहित राष्ट्रकुल देशों ने भारत से लगभग 3.9 करोड़ किलोग्राम चाय का आयात किया है। राष्ट्रकुल देशों में रूस, सबसे बड़ा आयातक देश है जहां से लगभग 1.9 करोड़ किलोग्राम का औसतन वार्षिक ऑर्डर होता है।
Experts said tea industry facing multiple challenges in wake of covid pandemic
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