एनिमेशन, विजुएल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) के क्षेत्र में तेज वृद्धि की देश की आकांक्षा को पूरा करने को व्यक्तिगत कराधान के लिए एक स्पष्ट और सुसंगत दृष्टिकोण आवश्यक है। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि गेमिंग से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से ऐसे बाहरी मंचों को प्रोत्साहन मिल रहा है जो किसी नियामकीय दायरे में नहीं आते और जिन्हें भारत में कारोबार करने के लिए कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होती।
इस तरह के कर की चोरी से सरकार को बड़ा घाटा होगा और घरेलू उद्योग के लिए भी यह हानिकारक होगा। सरकार द्वारा गठित ‘एवीजीसी संवर्द्धन कार्यबल’ की रिपोर्ट में इस क्षेत्र के एकीकृत संवर्धन और वृद्धि के लिए बजट परिव्यय के साथ एक राष्ट्रीय एवीजीसी-विस्तारित रियलिटी मिशन का प्रस्ताव दिया गया है। अनुमानों के मुताबिक, ऑनलाइन कौशल आधारित गेमिंग (ओएसजी) करीब 2.5 अरब डॉलर का उद्योग है जिसकी सालाना वृद्धि दर 38 प्रतिशत से अधिक है और राजस्व के लिहाज से उद्योग के 2030 तक 20 अरब डॉलर का होने का अनुमान है।
गेम्स24x7 के संस्थापक त्रिविकरम थंपी ने कहा कि लॉटरी जैसी प्रतिस्पर्धाओं में एक व्यक्ति एक वक्त में हजारों अन्य लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है जबकि एकल ऑनलाइन कौशल खेल कुछ खिलाड़ियों के बीच होने से इससे होने वाला लाभ बहुत ज्यादा नहीं होता। उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों की तरह गेमिंग के खिलाड़ी ऐसे ऑनलाइन वैश्विक गेमिंग मंचों पर जा सकते हैं जो गैरकानूनी हैं और किसी भी कर व्यवस्था में नहीं आते, उन्हें किसी प्रकार का कर अदा नहीं करना पड़ता है। उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता रोहन शाह ने कहा कि भारत को गेमिंग का केंद्र बनाने के लिए प्रगतिशील कर व्यवस्था की आवश्यकता है। सरकार एंड सरकार एसोसिएट्स के मुख्य कार्यकारी स्वपन सरकार ने कहा कि ऑनलाइन कौशल आधारित गेमिंग जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए बहुत ही सरल और समझ में आने वाली कर व्यवस्था की जरूरत है।
Experts says progressive tax regime necessary to make india a global gaming hub
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