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कंपनियों के लिये कागजी रूप में वार्षिक रिपोर्ट शेयरधारकों को भेजने से छूट की अवधि बढ़ी

कंपनियों के लिये कागजी रूप में वार्षिक रिपोर्ट शेयरधारकों को भेजने से छूट की अवधि बढ़ी

कंपनियों के लिये कागजी रूप में वार्षिक रिपोर्ट शेयरधारकों को भेजने से छूट की अवधि बढ़ी

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध कंपनियों को सालाना रिपोर्ट कागजी रूप में भेजने से छूट की अवधि बढ़ा दी। इसके तहत उन्हें इस साल सितंबर तक अपने शेयरधारकों को सालाना रिपोर्ट भौतिक रूप देने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले, नियामक ने सूचीबद्ध कंपनियों को दिसंबर 2022 तक यह छूट दी थी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को कंपनियों से शेयरधारकों को सालाना रिपोर्ट कागजी रूप में भेजने की अनिवार्यता से छूट देने को लेकर प्रतिवेदन मिले थे। इस पर गौर करने के बाद नियामक ने छूट देने का फैसला किया।

परिपत्र के अनुसार, नियामक ने शेयरधारकों को वार्षिक रिपोर्ट की ‘हार्ड कॉपी’ भेजने से संबंधित सूचीबद्धता बाध्यता एवं खुलासा जरूरत (एलओडीआर) नियमन से 30 सितंबर, 2023 तक छूट देने का फैसला किया है। इस नियम के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के लिये जरूरी है कि वे वित्तीय विवरण, निदेशक मंडल की रिपोर्ट, ऑडिटर रिपोर्ट से जुड़े दस्तावेज उन शेयरधारकों को भेजने की आवश्यकता होती है जिन्होंने अपने ई-मेल पते पंजीकृत नहीं किए हैं। हालांकि, सेबी ने कहा कि कंपनियों को वार्षिक रिपोर्ट की ‘हार्ड कॉपी’ उन शेयरधारकों को भेजनी होगी जो इसके लिए अनुरोध करते हैं।

Extension of exemption period for companies from sending annual report to shareholders

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