National

श्रद्धा की चिट्ठी पर फडणवीस का बयान, तब एक्शन होता तो बच जाती जान, कराएंगे जांच

श्रद्धा की चिट्ठी पर फडणवीस का बयान, तब एक्शन होता तो बच जाती जान, कराएंगे जांच

श्रद्धा की चिट्ठी पर फडणवीस का बयान, तब एक्शन होता तो बच जाती जान, कराएंगे जांच

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने श्रद्धा की चिट्ठी पर कहा कि मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर कार्रवाई होती तो श्रद्धा की जान बचाई जा सकती थी। बता दें कि श्रद्धा की चिट्ठी सामने आई है जो उस वक्त में तमाम चीजों को लेकर पुलिस को लिखी गई थी। उस वक्त एक्शन होता तो श्रद्धा की जान बचाई जा सकती थी। पत्रकारों की तरफ से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया कि श्रद्धा ने 2020 में महाराष्ट्र के तत्कालीन उद्धव सरकार को पत्र लिखा था। अगर उस वक्त कार्रवाई होती तो क्या श्रद्धा की जान बचाई जा सकती थी? 

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक सीमा विवाद: कानूनी लड़ाई के लिए महाराष्ट्र भी तैयार, मंत्री ने कहा- प्रतिनिधिमंडल PM और गृह मंत्री से करेगा मुलाकात

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वो पत्र मेरे पास भी आया है। मैंने उसे देखा है, बहुत ही सीरियस पत्र है। उसके ऊपर क्यों कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसके ऊपर जांच चलेगी। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने पत्र देखा (2020 में पुलिस को श्रद्धा की शिकायत) और इसमें बहुत गंभीर आरोप हैं। कार्रवाई क्यों नहीं की गई इसकी जांच की जाएगी। मैं किसी पर कुछ भी आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन अगर ऐसे पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो ऐसी घटनाएं होती हैं। इसकी जांच की जाएगी। अगर कार्रवाई की जाती तो शायद उसे बचाया जा सकता था। 

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक महाराष्ट्र में कन्नड़ स्कूलों को विशेष अनुदान देगा: मुख्यमंत्री बसवराज

गौरतलब है कि श्रद्ध के मर्डर से पहले की एक चिट्ठी सामने आई है। श्रद्धा ने महाराष्ट्र की पालघर पुलिस को लिखी इस चिट्ठी में अपने लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला के हाथों हुई क्रूरता के बारे में बताया था। पालघर में तुलिंज पुलिस को लिखी चिट्ठी में श्रद्धा ने बताया था कि किस तरह आफताब उसकी हत्या कर सकता है और उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर सकता है। 

Fadnavis statement on shraddha letter will get investigation

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero