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भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा

भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा

भारत के इन प्राचीन गणेश मंदिरों की अलग है महिमा

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। प्रथम पूज्य गणेश का सुमिरन करने से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं। गणपति जी शिव और पार्वती के पुत्र हैं और उन्हें सौभाग्य, सफलता, शिक्षा, ज्ञान, ज्ञान और धन का स्वामी और बुराइयों का नाश करने वाला माना जाता है। भारत में कई प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित हैं और भक्तगण यहां आकर पूरी श्रद्धा-भाव से उनका पूजन करते हैं। इनमें से कुछ बेहद ही प्राचीन हैं और इसलिए इनकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको भारत के कुछ प्राचीन गणपति मंदिरों के बारे में बता रहे हैं-

श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
जब भारत के प्रसिद्ध गणपति मंदिर की बात होती है तो उसमें मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर का नाम अवश्य लिया जाता है। पर्यटकों से लेकर कई प्रसिद्ध हस्तियां इस मंदिर में दर्शन हेतु जाती हैं मंदिर की स्थापना 1801 में हुई थी। यहां के गणपति को नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यदि आप भगवान सिद्धि विनायक के सामने कुछ चाहते हैं तो यह अवश्य पूरा होगा।  

दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे
यह प्रसिद्ध मंदिर पुणे में स्थित है और यहां पर गणपति जी की मूर्ति 7.5 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी है, जिसे सोने के गहनों से सजाया गया है। इस मंदिर के पीछे की कहानी यह है कि दगदूशेठ गडवे मिठाई बेचते थे और उन्होंने एक महामारी में अपने बेटे को खो दिया, अपने बच्चे को खोने के बाद उन्होंने इस गणेश मंदिर को बनाने का फैसला किया।

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मनाकुला विनयगर मंदिर, पुदुचेरी
मनाकुला विनयगर मंदिर एक बेहद ही प्राचीन मंदिर है। इस राजसी इमारत का नाम एक तालाब के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि यहां की गणेश प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंका गया था, लेकिन यह हर दिन उसी स्थान पर फिर से प्रकट होती है, जिसके कारण यह स्थान भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। आज तक, मूर्ति फ्रेंच कॉलोनी के केंद्र में उसी स्थान पर स्थित है।  

मधुर महागणपति मंदिर, केरल
10वीं सदी का यह मंदिर केरल के कासरगोड में मधुवाहिनी नदी के तट पर स्थित है। इस खूबसूरत मंदिर को कुंबला के मायपदी राजाओं द्वारा बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में भगवान गणेश की एक मूर्ति है, जो पत्थर या मिट्टी से नहीं बल्कि एक अलग सामग्री से बनी है। इस मंदिर के पीठासीन देवता भगवान शिव हैं, हालांकि, भगवान गणेश की मूर्ति की विशिष्टता इस मंदिर को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाती है। मंदिर में एक तालाब है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह स्किन की बीमारी या अन्य दुर्लभ बीमारी से किसी को भी ठीक कर सकते हैं।  

- मिताली जैन

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