बांग्लादेश के खिलाफ हार के बाद भड़के दिग्गज, कहा- खिलाड़ियों में नहीं देश के लिए खेलने का जज्बा और जुनून
भारत और बांग्लादेश के बीच जारी तीन मुकाबलों की एक दिवसीय सीरीज को भारत गंवा चुकी है। दोनों टीमों के बीच सीरीज का अंतिम मुकाबला 10 दिसंबर को चटगाँव में खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले 1983 विश्व कप विजेता नायक मदन लाल ने खिलाड़ियों में जोश और जुनून की कमी का हवाला देते हुए टीम की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि खासतौर से भारतीय टीम इन दिनों सही दिशा में नहीं जा रही है। भारतीय टीम में लंबे समय से तीव्रता की कमी दिख रही है। बीते कुछ वर्षों से भारतीय टीम से वो जोश नदारद है। उन्होंने कहा कि ये लग ही नहीं रहा कि मजबूत भारतीय टीम है जो कुछ वर्षों पहले हुआ करती थी। देश के लिए खेलने का जज्बा, जोश और जुनून इस टीम में और खिलाड़ियों में देखने को नहीं मिल रहा है। इस टीम को देखकर लगता है कि इनके शरीर थक गए हैं या ये सिर्फ गति के साथ चलते जा रहे है। खिलाड़ियों और टीम की ऐसी हालत गंभीर चिंता का विषय है।
इस मामले पर पूर्व क्रिकेटर ने भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से खिलाड़ियों के बल्ले से शतक निकलने काफी कम हो गए है। हालांकि टी20 मुकाबलों में विराट कोहली की फॉर्म लौटी है मगर एक दिवसीय मुकाबलों में अब भी विराट कोहली कोई धमाकेदार प्रदर्शन या चमत्कार नहीं कर सके है, जिसमें वो खेलने के लिए सबसे अधिक जाने जाते है। वहीं शिखर धवन के बारे में उन्होंने कहा कि उनका स्ट्राइक रेट भी काफी कम हो गया है। वर्ष 2020 से अब तक एक दिवसीय मुकाबलों में सिर्फ रोहित शर्मा ने ही जनवरी 2020 में एक शतक जडा है। इसके बाद से तीनों सीनियर खिलाड़ियों के बल्ले खामोश हो गए है।
इस दौरान मदनलाल ने कहा कि अगर आप आंकड़ों पर गौर करेंगे तो देखेंगे कि तीनों ही खिलाड़ियों ना सिर्फ बीते तीन सालों में बल्कि बीते एक वर्ष में भी मैदान पर कमाल नहीं दिखा सके है। इन खिलाडियों को अपने एक्सपीरियंस के कारण काफी अच्छा प्रदर्शन करना था। ऐसे खेल के साथ खिलाड़ी मैच या बड़े टूर्नामेंट में जीत हासिल नहीं कर सकते है।
मदन लाल ने वनडे और टी20 मुकाबलों में भारतीय टीम द्वारा उपयोग की जा रही अप्रोच और रणनीति में बदलाव करने का सुझाव भी दिया है। उन्होंने कहा कि हर फॉर्मेट के लिए जरूरी है कि कुछ खास खिलाड़ी टीम में होने चाहिए। दुनिया की अधिकतर टीमों में इसी तरह से काम किया जा रहा है। भारतीय टीम को भी इस नियम को लागू करना चाहिए और हर फॉर्मेट के लिए निश्चित खिलाड़ियों का चयन करना चाहिए। इससे हर खिलाड़ी को खेल को समझने और उसमें सुधार करने की अधिक संभावना रहती है।
Former cricketer madal lal slams team and said they donot have passion to play for the country