जापान के पूर्व प्रधानमंत्री तारो एसो बुधवार को दक्षिण कोरियाई अधिकारियों से मिलने सियोल रवाना हो गए। दोनों देश जापान के युद्धकालीन अत्याचारों के कारण बुरी तरह प्रभावित संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच विवादों के केंद्र में 2018 में दक्षिण कोरियाई अदालत के फैसले हैं, जिनके माध्यम से जापानी कंपनियों को युद्ध के समय जबरन काम में लगाए गए कोरियाई मजदूरों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। जापानी सरकार और कंपनियों ने यह कहते हुए नियमों का पालन करने से इनकार कर दिया है कि मुआवजे के सभी मुद्दों को 1965 की सामान्यीकरण संधि के तहत सुलझा लिया गया है।
जापान ने दक्षिण कोरिया पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की रूढ़िवादी सरकार के मई में सत्ता में आने के बाद से हालांकि संबंधों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। अमेरिका के प्रमुख एशियाई सहयोगियों के रूप में, तनावपूर्ण संबंध भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उनके सुरक्षा सहयोग के लिए एक चिंता का विषय है क्योंकि यह चीन और उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है। युद्ध के समय के दस्तावेज 2008 में सामने आए थे, जिसमें दिखाया गया था कि एसो के दादा की खदान में कोरियाई मजदूरों से जबरन काम लिया गया। हालांकि उन्होंने खुद को इससे दूर कर लिया है। यह यात्रा दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भगदड़ की घटना में 150 से अधिक लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद हो रही है।
राष्ट्रपति यून ने रविवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाज़ु मात्सुनो ने कहा कि एसो सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि राजनीतिज्ञों और कारोबारियों के गैर-पक्षीय जापान-दक्षिण कोरिया मैत्री संगठन के प्रमुख के रूप में दक्षिण कोरिया का दौरा कर रहे हैं। एसो ने उन खबरों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है कि वह राष्ट्रपति यून के साथ मुलाकात कर सकते हैं और उधर मात्सुनो ने इस बात से इनकार किया है कि एसो जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का यून के नाम पत्र लेकर जा रहे हैं।
क्योदो न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य अनुभवी सत्तारूढ़ सांसद फुकुशिरो नुकागा भी दक्षिण कोरिया की यात्रा करने वाले हैं। नुकागा दोनों पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती को बढ़ावा देने वाले सांसदों के एक समूह का नेतृत्व करते हैं। नुकागा के शुक्रवार को यून से मिलने की उम्मीद है। मात्सुनो ने मंगलवार को कहा था कि दोनों देशों के बीच सांसदों और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों के बीच विमर्शों का आदान-प्रदान द्विपक्षीय संबंधों के समर्थन का एक ‘सार्थक’ तरीका है। उन्होंने कहा कि संबंध सामान्य होने के बाद दोनों देशों के लिए जरूरी है कि वे अपने ‘‘संबंधों को मैत्री और सहयोग के आधार पर स्वस्थ अवस्था’’ में पहुंचाएं। उन्होंने कहा, ‘‘हम दक्षिण कोरियाई सरकार के साथ नजदीकी संबंध जारी रखना चाहते हैं।
Former japanese pm aso leaves for south korea to improve relations
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