श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना को शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि 2019 के ईस्टर हमले के पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 10 करोड़ एसएलआर (श्रीलंकाई रुपये) का भुगतान करें। हमले की आशंका के बारे में प्रामाणिक जानकारी होने के बावजूद उसे रोक पाने में उनकी लापरवाही के लिए यह आदेश दिया गया है। उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में व्यवस्था दी कि 2019 के ईस्टर सन्डे के हमलों को रोक पाने में नाकाम रहते हुए याचिकाओं में नामजद प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया था।
अदालत ने कहा कि शीर्ष अधिकारी घातक आत्मघाती बम हमले रोकने के लिए भारत की ओर से साझा की गयी विस्तृत खुफिया सूचना पर कार्रवाई करने में विफल रहे। अदालत ने सिरीसेना को 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये, पूर्व पुलिस प्रमुख पूजित जयसुंदर और राज्य खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख नीलांता जयवर्द्धने को 7.5-7.5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये तथा पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो को 5 करोड़ श्रीलंकाई रुपये देने का आदेश दिया। राष्ट्रीय खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख शिशिर मेंडिस को एक करोड़ श्रीलकाई रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया गया है। उन्हें उनकी निजी निधि से भुगतान करने का आदेश दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे मुआवजे के भुगतान के बारे में छह महीने में जानकारी दी जानी चाहिए।
Former president sirisena to pay compensation of 10 crores for not stopping the easter attacks
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