भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय नेता के आवास पर छापेमारी करने के आरोप में चार पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक थाना प्रभारी एसएचओ को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। भाजपा नेता रमेश कुमार पांडे के अनुसार, पुरकलंदर पुलिस थाने की टीम ने केशवपुर अंजना गांव में उनके आवास पर छापा मारा और उनके घर में तोड़फोड़ की तथा उन्हें हिरासत में लिया और दिवाली से एक दिन पहले की आधी रात को थाने ले आए, हालांकि पुलिस को उनके घर से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।
पांडे भारतीय किसान मोर्चा के पदाधिकारी हैं और भाजपा के बूथ प्रभारी भी हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जिले के वरिष्ठ भाजपा नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के कारण उन्हें कोई मदद नहीं मिली। पांडे के मुताबिक, पुलिस कर्मियों ने उन्हें नशीला पदार्थ निषेध से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत जेल भेजने की धमकी दी, जिसके डर से भाजपा नेता ने जान बचाने के लिए अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और पुलिस को 40 हजार रुपये दिए तथा किसी तरह खुद को थाने से छुड़ाया।
थाने से छूटने के बाद पांडे ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अपनी सारी कहानी सुनाई, लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के चलते उन्हें कुछ देर चुप रहने की सलाह दी गई। उन्होंने दिवाली के बाद फिर से भाजपा नेताओं से संपर्क किया, जिसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसएसपी प्रशांत वर्मा के संज्ञान में मामला लाया। एसएसपी ने जांच की और पुलिसकर्मियों को दोषी पाया।
एसएसपी वर्मा ने पीटीआई-को बताया, ‘‘मुझे शिकायतकर्ता से लिखित आवेदन मिला है। इसके बाद जांच की गई, जिसमें प्रथम दृष्टया पुलिसकर्मियों को गैरकानूनी गतिविधि करने का दोषी पाया गया। मैंने पांडे के घर पर छापेमारी और तोड़फोड़ करने वाले चार कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है और पुरकलंदर थाने के थाना प्रभारी एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया है।
Four policemen suspended for threatening bjp leader in uttar pradesh
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