गुजरात का रण, 2 चरण: गायब कांग्रेस, AAP का खुलेगा खाता? बीजेपी का मिशन 150, धार्मिक-जातिय समीकरण से पार्टियों के अपने-अपने मिशन तक, पूरी डिटेल
विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही गुजरात का ग़दर आरंभ हो चुका है। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा चुनावी रण में उतर रही आम आदमी पार्टी के नेता आमने-सामने हैं। सभी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल भी बदस्तूर जारी है। गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने राज्य में दो चरणों में चुनाव कराए जाने का ऐलान किया। जबकि नतीजे 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही घोषित किए जाएंगे। पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को 89 सीटों पर चुनाव होंगे। दूसरे चरण के अंतर्गत 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासत भी तेज हो गई है। 182 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। पहले फेज के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 14 नवंबर है। जबकि दूसरे फेज के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 नवंबर की तय की गई है। गुजरात में कुल 2 करोड़ 90 लाख मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 3 लाख 24 हजार 422 नए वोटर पहली बार मतदान करेंगे। मतदान केंद्र की संख्या 51,782 है।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार कौन?
बीजेपी की ओर से भूपेंद्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। बीजेपी के अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं। हालांकि दोनों पार्टियों ने अब तक सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सिंह सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्ति सिंह गोहिल सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं। आप ने गोपाल इटालिया और इशुदान गढवी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं।
2017 के चुनाव के नतीजे
पार्टी | सीटें | प्रतिशत |
बीजेपी | 99 | 49.5 |
कांग्रेस | 77 | 41.44 |
अन्य | 6 | 5.66 |
आप का जीत का दावा
भाजपा शासित गुजरात में, केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी बड़ी संख्या में सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है क्योंकि कांग्रेस कमजोर दिख रही है और आप सूत्रों का दावा है कि उन्होंने राज्य में खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में एक मजबूत आधार विकसित किया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात का दौरा कर रहे हैं। वहीं आप की तरफ से इस बार विधानसभा चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने की तैयारी है। आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव के ऐलान के बाद जीत का दावा किया। दिल्ली से सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर कहा कि गुजरात की जनता इस बार बड़े बदलाव के लिए तैयार है। हम जरूर जीतेंगे। इसके साथ ही केजरीवाल ने गुजराती में वीडियो भी जारी किया। केजरीवाल ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य में बीजेपी का शासन रहा है। ये चुनाव बीजेपी के लिए भी चुनौती है। केजरीवाल ने गुजरात के लोगों से कहा, "नमस्कार! कैसे हो, आपने मुझे अपने परिवार का हिस्सा माना है। अपने परिवार का हिस्सा माना है न। मुझे प्यार करने के लिए बहुत-बहुत आभार। मैंने आपको वचन दिया था कि आपका भाई बनकर आपके परिवार की जिम्मेदारी संभालूंगा।
गुजरात चुनाव में क्या हो सकते हैं बड़े मुद्दे
एंटी इनकंबेंसी का भी असर
मोरबी पुल हादसा
कर्मचारियों की समस्या
महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे
इलाका | कुल सीट | बीजेपी | कांग्रेस |
सेंट्रल गुजरात | 61 | 37 | 22 |
नॉर्थ गुजरात | 32 | 14 | 18 |
सौराष्ट्र | 54 | 23 | 30 |
साउथ गुजरात | 35 | 25 | 10 |
बीजेपी तोड़ेगी 27 सालों का रिकॉर्ड?
बीजेपी ने दावा किया है कि इस बार 27 सालों का रिकॉर्ड टूटेग। बीजेपी का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन 121 सीटों का रहा है। वहीं बीजेपी नेता की तरफ से 150 सीटें जीतने का दावा किया गया। भाजपा ने 2002 में विधानसभा की 127 सीटें जीती थीं, इसके बाद पार्टी को 2007 में 117, 2012 में 116 और 2017 में 99 सीटें मिली थीं। लेकिन 2017 के चुनाव में उन्हें केवल 99 सीटें प्राप्त हुईं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि भाजपा के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इतनी क्षमता और उनकी इतनी लोकप्रियता है कि वह पार्टी को राज्य में एक और विजय दिला सकें। वह उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
हिंदू | मुस्लिम | जैन | ईसाई |
88.57 | 09.67 | 01 | 00.52 |
कांग्रेस की नहीं दिख रही सक्रियता
कांग्रेस की कोशिश पिछले 27 सालों से विपक्ष की अपनी भूमिका का समाप्त कर सत्ता में वापसी की है। लेकिन अभी तक पार्टी के शीर्ष नेताओं की राज्य में कोई गौर करने वाली सक्रियता नहीं दिखी है। हालांकि प्रदेश स्तर के नेता जरूर जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
गुजरात का जातिय समीकरण
गुजरात विधानसभा में जातिगत राजनीति की बात कें तो पाटीदार बिरादरी को साधने के लिए बीजेपी ने अपने खेमे में लिया है। जिससे माना जा रहा है कि पाटीदार पटेलों का वोट बीजेपी को जा सकता है। वैसे भी पटेल समुदाय बड़े तादाद में बीजेपी का कोर वोटर रहा है। इसके अलावा राज्य में कुल ओबीसी 52 प्रतिशत हैं। वहीं क्षत्रिय 16 प्रतिशत, पाटीदार 16 प्रतिशत, दलित 7 प्रतिशत, आदिवासी समुदाय 11 प्रतिशत हैं। वहीं ब्राह्मण, बनिया, कायस्थ को मिलाकर 5 प्रतिशत मतदाता हैं।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच जीत का अंतर
कांग्रेस के गुजरात में पिछले प्रदर्शन पर नज़र डालें तो 1985 में कांग्रेस का वोट 55.6 फीसदी था जो गिरकर 2012 में 38.9 फीसदी रह गया। इसी अवधि में बीजेपी का ग्राफ 15 फीसदी से बढ़ते हुए 48 फीसदी तक पहुंच गया। पिछले तीन चुनावों में बीजेपी के लिए, ये 48-50 फीसदी के बीच रहा है। कांग्रेस ने भी 1990 में 30.7 फीसदी से अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 2012 में इसे 39 फीसदी तक पहुंचाया। औसतन बीजेपी और कांग्रेस के बीच 10 फीसदी वोटों का अंतर रहा है। 2015 में जिला पंचायत के चुनाव में सौराष्ट्र की 11 सीटों में से 8 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
From the religious caste equation to the respective missions in gujarat