भारत में बनी कफ सीरप से गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के दावे को लेकर अब वहां की सरकार की तरफ से यू टर्न ले लिया गया है। कहा जा रहा है कि कफ सीरप से बच्चों की मौत हुई या नहीं इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने देश की मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी के एक प्रतिनिधि के हवाले से बताया कि गाम्बिया ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि गुर्दे को नुकसान पहुंचने की वजह से 70 बच्चों की मौत हुई है। इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि मरने वाले बच्चों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि उन्हें एस्चेरिचिया कोलाई (ई कोलाई और डायरिया) था और वे दस्त से पीड़ित थे। फिर उन्हें खांसी की दवाई क्यों दी जा रही थी।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार चार दवाएं भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित खांसी और ठंडे सिरप हैं। अलर्ट के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जांच शुरू की। हरियाणा राज्य के ड्रग अधिकारियों ने बाद में मेडेन फार्मा की निर्माण सुविधा के निरीक्षण के दौरान स्पष्ट खामियां पाईं, जिस फर्म की खांसी की दवाई गैम्बियन बच्चों की मौत से जुड़ी थी।
गाम्बिया में बच्चों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। स्टेंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया। जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था।
Gambia government took a u turn said 70 children died due to indian cough syrup
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