गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान ना करें यह गलतियां
आज अनंत चतुर्दशी है और दस दिनों के गणेशोत्सव के बाद आज लोग बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। इस दौरान बेहद हषोल्लास के साथ गणपति जी की प्रतिमा को नदी में प्रवाह किया जाता है। साथ ही, भक्तगण यह आशा करते हैं कि बप्पा अगले साल फिर उनके घर पधारें। लेकिन गणपति विसर्जन के दौरान कुछ छोटी-छोटी मिसटेक्स करने से बचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ मिसटेक्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको गणेश विसर्जन के दौरान करने से बचना चाहिए-
पहले करें पूजन
कुछ लोग सीधे ही गणेश विसर्जन करने के लिए निकल पड़ते हैं। लेकिन अब बप्पा आपके घर से विदा हो रहे हैं तो यह जरूरी है कि आप उनके जाने से पहले पूरी श्रद्धा भाव से उनका पूजन करें और इस दौरान उन्हें फल-फूल, मोदक, नैवेद्य इत्यादि अर्पित करें। साथ ही, आप इस दौरान गणपति जी से 10 दिनों में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए माफी मांगें।
शुभ मुहूर्त में करें विसर्जन
यह सच है कि अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप किसी भी समय विसर्जन करने के लिए चल दें। शुभ मुहूर्त पर विसर्जन करने से व्यक्ति को अतिरिक्त लाभ मिलता है। गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त 09 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक का है। वहीं, अगर आप शाम के समय विसर्जन करना चाहते हैं तो ऐसे में आप 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक के शुभ मुहूर्त में मूर्ति विसर्जित कर सकते हैं।
जरूर करें आरती
अगर आपने पहली बार गणपति जी की स्थापना की है तो शायद आपको इस विषय में ज्ञान ना हो। जब भी गणपति जी की मूर्ति विसर्जित की जाती है तो विसर्जन से पहले उनकी आरती अवश्य करनी चाहिए। साथ ही, बप्पा से अपनी कृपा बनाए रखने की कामना करें।
इस बात का रखें ध्यान
गणपति मूर्ति विसर्जन का एक सही तरीका होता है, जिसके बारे में लोगों को कम ही पता होता है। जब भी आप विसर्जन करें तो कभी भी नदी या तालाब में झटके से मूर्ति को ना डालें। इससे उसके टूटने का खतरा रहता है और ऐसे में अपशगुन होता है। हमेशा प्रतिमा को धीर-धीरे पानी में डुबोकर ही विसर्जित करना चाहिए।
मिताली जैन
Ganesh visarjan mistakes you should avoid in hindi