मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राजस्थान में लागू जनकल्याणकारी योजनाएं आज पूरे देश में चर्चा का विषय हैं और बिजली, पानी से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा तक हर क्षेत्र में राज्य ‘मॉडल स्टेट’ (आदर्श राज्य) बन कर उभरा है। साथ ही गहलोत ने कहा कि राज्य में जनहित में संचालित योजनाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। वे मुख्यमंत्री आवास पर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आये जनप्रतिनिधियों और आमजन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। उड़ान योजना के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं को प्रतिमाह 12 सैनेटरी नैपकिन निःशुल्क दिए जा रहे हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रबंधन बेहतर हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंदिरा रसोइयों में आमजन को 8 रुपए में पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है जिसमें राज्य सरकार प्रत्येक थाली पर 17 रुपए अनुदान दे रही है। राज्य में 211 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 94 गर्ल्स कॉलेज भी शामिल हैं। विद्यालय में 500 बालिकाओं के नामांकन पर कॉलेज खोलने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।’’
सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि गत सरकारों द्वारा देश में भोजन, रोजगार, शिक्षा आदि अधिकार कानून बनाकर आमजन को दिए गए हैं। इसी प्रकार केन्द्र सरकार को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार कानून बनाकर देशवासियों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार एक करोड़ वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन दे रही है, ताकि उनको आर्थिक संबल मिल सके।
मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल की गई है। इससे सरकारी कार्मिकों में अपने भविष्य के प्रति सुरक्षा की भावना आई है। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर से आए प्रतिनिधि मण्डलों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी और उचित समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा भी मौजूद थे।
Gehlot said rajasthan governments plans are discussed in the whole country
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