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गहलोत ने कहा कि एक आदर्श समाज में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है

गहलोत ने कहा कि एक आदर्श समाज में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है

गहलोत ने कहा कि एक आदर्श समाज में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि सत्य और अहिंसा संविधान की मूल भावना है और राज्य सरकार भी इन्हीं आदर्शों का पालन कर रही है। मुख्यमंत्री शनिवार को यहां भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण उत्सव पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि भगवान महावीर का संदेश है कि समाज हिंसा और घृणा से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी सत्य और अहिंसा की शिक्षाएं जैन मुनि से ही प्राप्त की थीं। गहलोत ने कहा कि शांति और सद्भाव राजस्थान की विशेषता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी की शिक्षाओं के प्रसार के लिए देश के पहले शांति और अहिंसा विभाग की स्थापना की है। विभाग द्वारा गांधीवादी विचारों के व्यापक प्रचार के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, ‘महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज’ की स्थापना की गई है ताकि अधिक से अधिक युवाओं में समाज सेवा की भावना विकसित हो सके। गहलोत ने आचार्य श्री सन्मति सागर जी महाराज के 13वें समाधि दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

आधिकारिक बयान के अनुसार गहलोत ने श्री सुनील सागर जी महाराज के साथ राज्य में संचालित जनहित के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं पर चर्चा की। गहलोत ने समारोह में अहिंसा रथ की पूजा-अर्चना कर तथा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि रथ के माध्यम से सत्य, अहिंसा की शिक्षा के साथ-साथ नशामुक्ति का संदेश भी आमजन तक पहुंचेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘सुनील संजीवनी’, ‘अनूठा तपस्वी’ और ‘दूसरा महावीर’ नामक पुस्तकों का विमोचन भी किया। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि अहिंसा रथ से पूरे प्रदेश में शांति और अहिंसा का संदेश जाएगा।

Gehlot said there is no place for violence and hatred in an ideal society

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