सरकार ने कोटा के आधार पर 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति शनिवार को दे दी। खाद्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। इस अधिसूचना के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय ने अगले साल 31 मई तक 60 लाख टन चीनी के निर्यात की मंजूरी दी है। पिछले तीन चीनी विपणन सत्रों के औसत चीनी उत्पादन का 18.23 प्रतिशत हिस्सा निर्यात कोटे के तौर पर चिह्नित किया गया है। चीनी मिलें यह मंजूरी मिलने के बाद खुद या निर्यातकों के माध्यम से विदेशों में चीनी बेच सकती हैं।
इसके अलावा मिलें देश की दूसरी चीनी मिलों के निर्यात कोटा के साथ अदला-बदली भी कर सकेंगी। इस अधिसूचना के मुताबिक, चीनी के अनियंत्रित निर्यात पर लगाम लगाने और घरेलू खपत के लिए वाजिब दर पर चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए सरकार ने एक नवंबर, 2022 से 31 मई, 2023 तक तर्कसंगत सीमा के साथ चीनी निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, निर्यात कोटा की पहली खेप की मंजूरी सिर्फ मई के अंत तक ही दी गई है। उसके बाद निर्यात कोटा तय करने का फैसला घरेलू चीनी उत्पादन को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। चीनी सत्र 2022-23 में चीनी उत्पादन महाराष्ट्र और कर्नाटक में शुरू हो चुका है जबकि उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों में इसकी शुरुआत अगले हफ्ते में हो जाने की संभावना है।
चीनी सत्र की शुरुआत अक्टूबर से होती है और अगले साल सितंबर तक यह चलता है। सरकार ने चीनी सत्र 2021-22 के अंत में चीनी निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस पाबंदी के बावजूद बीते चीनी सत्र में करीब 1.1 करोड़ टन चीनी का निर्यात हुआ।
Government allows export of sugar on the basis of quota
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