केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल में मिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एथनॉल की कीमत बढ़ा दी। सरकार आयातित तेल पर निर्भरता घटाने के लिए एथनॉल को बढ़ावा दे रही है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सभी तीन तरह के एथनॉल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया। दिसंबर, 2022 से शुरू होने वाले आपूर्ति वर्ष के लिए गन्ने के रस से बनने वाले एथनॉल की कीमत को बढ़ाकर 65.60 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
यह अभी 63.45 रुपये प्रति लीटर है। सी-हेवी शीरे से बनने वाले एथनॉल की दर 46.66 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 49.40 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इसी तरह बी-हेवी शीरे से बनने वाले एथनॉल की दर 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इस समय पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार 2024-25 तक इस मात्रा को दोगुना करना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसानों को फायदा पहुंचाने के अलावा 10 प्रतिशत मिश्रण से विदेशी मुद्रा व्यय में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2023 से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का पायलट परीक्षण शुरू किया जाएगा। गन्ने के रस के साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए एथनॉल के उपयोग से भारत को आयातित तेल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
भारत फिलहाल अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को आयात के जरिये पूरा करता है। पुरी ने कहा कि औसतन 10 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य जून, 2022 में हासिल कर लिया गया, जबकि इसके लिए नवंबर, 2022 का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 से घटाकर 2025-26 कर दिया है।
Government hikes ethanol price targets 12 percent blending in petrol from next year
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