सरकार ने बिजली उत्पादक कंपनियों से कहा है कि वे कोयले का आयात समय पर करें और अधिकाधिक उत्पादन करने का प्रयास करें। इसका कारण ऐसा अनुमान है कि अप्रैल-सितंबर 2023 में कोयले की कमी 2.4 करोड़ टन हो सकती है। बिजली मंत्रालय ने कहा कि वह तापीय ऊर्जा उत्पादकों को कोयले की उपलब्धता पर करीब से नजर रख रही है। बिजली की खपत और मांग में बढ़ोतरी की वजह से देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘कोयले की उपलब्धता सभी स्रोतों से बढ़ाने केप्रयास किए गए हैं। वैसे चौथी तिमाही में कोयले की आपूर्ति बढ़ी है लेकिन बिजली की मांग अभूतपूर्व रूप से बढ़ने के मद्देनजर यह पर्याप्त नहीं है।’’ स्वतंत्र बिजली उत्पादकों समेत सभी बिजली उत्पादन कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मिश्रण उद्देश्यों के लिए कोयले का समय पर आयात करें और निजी उपयोग वाली खदानों में अधिकाधिक उत्पादन करें। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पिछले रूझानों को देखते हुए, 2023-24 की पहली छमाही के दौरान घरेलू स्तर पर कोयले की आपूर्ति करीब 39.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इसके बाद भी इस अवधि में कोयले की करीब 2.4 करोड़ टन की कमी रहेगी।
Government instructed power generating companies to supply coal on time increase production
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