सरकार की केंद्रीय पूल के लिए धान खरीद चालू खरीफ विपणन सत्र 2022-23 के अक्टूबर महीने तक 12 प्रतिशत बढ़कर 170.53 लाख टन हो गई है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु से अधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। आमतौर पर धान खरीद का काम, अक्टूबर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के तुरंत बाद शुरू होता है।
हालांकि, दक्षिणी राज्योंखासकर केरल और तमिलनाडु में, यह खरीद कार्य सितंबर से शुरू होता है। सरकार का लक्ष्य खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 771.25 लाख टन धान की खरीद करना है। पिछले खरीफ विपणन सत्र में वास्तविक खरीद रिकॉर्ड 759.32 लाख टन की हुई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 खरीफ विपणन सत्र के 31 अक्टूबर तक कुल धान खरीद बढ़कर 170.53 लाख टन हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 152.57 लाख टन थी।
कुल खरीद में से, लगभग 107.24 लाख टन धान पंजाब से अक्टूबर के अंत तक खरीदा गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह खरीद 99.12 लाख टन रही थी। हरियाणा से एक साल पहले इसी अवधि में 48.27 लाख टन के मुकाबले इस बार 52.26 लाख टन खरीदा गया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस खरीफ विपणन सत्र के अक्टूबर-अंत तक धान की खरीद कम यानी 33,668 टन रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 83,766 टन रही थी।
उत्तराखंड में खरीद पिछले साल के 2.35 लाख टन की तुलना में इस बार 2.46 लाख टन से थोड़ी अधिक रही है। जम्मू-कश्मीर में खरीद एक साल पहले की समान अवधि के 6,756 टन के मुकाबले अधिक यानी 11,170 टन की हुई। हिमाचल प्रदेश में हालांकि, इस सत्र के अक्टूबर तक धान की खरीद कम यानी 6,111 टन रही है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7,374 टन रही थी।
आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में इस खरीफ विपणन सत्र के अक्टूबर-अंत तक लगभग 7.90 लाख टन धान की खरीद की गई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 1.77 लाख टन धान खरीद की गई थी। केरल में अक्टूबर के अंत तक 4,159 टन धान की खरीद हुई है, जो साल भर पहले की इसी अवधि के 5,203 टन धान की खरीद से कम है। धान की खरीद सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और निजी एजेंसियों दोनों द्वारा की जाती है।
धान किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाता है और कई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए इनका उपयोग किया जाता है। धान, खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाया जाता है। लेकिन देश के कुल धान उत्पादन का 80 प्रतिशत हिस्सा खरीफ सत्र से आता है। कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, खरीफ सत्र 2022-23 में देश का धान उत्पादन छह प्रतिशत घटकर 10 करोड़ 49.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जिसका कारण प्रमुख उत्पादक राज्यों, विशेषकर झारखंड में, खराब बारिश के मद्देनजर धान खेती का रकबा कम होना है।
Governments paddy procurement increased by 12 percent to 17053 lakh tonnes till october
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