तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने शनिवार को कहा कि भले ही ब्रिटिश शासकों ने काशी और तमिलनाडु के बीच पर्यटकों द्वारा उपयोग लायी गयी धर्मशालाओं को नष्ट कर दिया लेकिन इन दोनों स्थानों के लोगों के बीच भावनात्मक संबंध अब भी उनके दिलो-दिमाग में जिंदा है। रवि ने कहा कि हर साल काशी और रामेश्वरम के बीच हजारों लोगों ने तब तक यात्रा की जब तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शक्तियों ने ‘‘इनके बीच में उनके आराम एवं विश्राम के लिए बने बुनियादी ढांचों की सदियों पुरानी अटूट श्रृंखला को नष्ट न कर दिया।’’
काशी तमिल संगमम् के उद्घाटन के मौके पर राजभवन की ओर से जारी उनके संदेश में राज्यपाल ने कहा कि तंजावूर के अंतिम शासक सरफोजी महाराज ने 20 जनवरी, 1801 को ब्रिटिश निवासी बेंजामिन टोरिन को भेजे पत्र में काशी एवं रामेश्वरम के बीच धर्मशालाओं की इस श्रृंखला को अव्यवस्थित या नष्ट नहीं करने का अनुरोध किया था। रवि ने कहा कि इन धर्मशालाओं में तीर्थयात्रियों, यात्रियों एवं व्यापारियों को प्रतिदिन तीन बार मुफ्त भोजन एवं उपचार उपलब्ध कराया जाता था।
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में भले ही इन धर्मशालाओं को नष्ट कर दिया गया लेकिन भावनात्मक जुड़ाव लोगों के दिलो-दिमाग में जिंदा रहा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिन्हें भारत की गहरी एवं अभिन्न समझ है, के साहसिक एवं दूरदृष्टापूर्ण नेतृत्व में इसे पुनर्जीवित किया जा रहा है।
Governor ravi said the connection between kashi and tn is alive in the hearts of the people
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