तिरुवनंतपुरम। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा एवं युवाओं की चेतना पर नियंत्रण कायम कर भारत को ‘फासीवादी हिंदुत्व राष्ट्र’ के रूप में तब्दील करने के भाजपा-आरएसएस के एजेंडे को लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों से जुड़े मामलों में गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल को ‘‘सरकारों के विरूद्ध खड़ा किया जा रहा है।’’ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के हाल के कदमों के विरूद्ध यहां राजभवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान अपने संबोधन में येचुरी ने कहा कि राज्यपाल पद को महज ‘‘ केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक मकसदों को आगे बढ़ाने का अंग बना दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह भारतीय लोकतंत्र के लिए विचित्र एवं बहुत स्वस्थ्य स्थिति नहीं है।’’ इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं थे। राज्यपाल फिलहाल दिल्ली में हैं। माकपा महासचिव ने कहा कि ‘‘इस प्रकार की स्थिति केवल केरल में ही नहीं है बल्कि अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों में भी है।’’ शहर के विभिन्न हिस्सों से सुबह मार्च निकालते हुए वाम समर्थक राजभवन पहुंचे और वहां फिर येचुरी ने प्रदर्शन की शुरुआत की। येचुरी ने कहा, ‘‘‘ एक ऐसी स्थिति बन गयी है जहां राज्यपाल को राज्य सरकारों, राज्य के विश्वविद्यालयों के संदर्भ में राज्य सरकार के कदमों तथा विधानसभा से पारित कानून के अनुसार नियुक्त किये गये कुलपतियों के विरूद्ध खड़ा कर दिया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा को नियंत्रित करने का यह मामला इस धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को अपनी पसंद के फासीवादी हिंदुत्व राष्ट्र में तब्दील करने के भाजपा-आरएसएस के राजनीतिक डिजायन का अहम पहलु है और उसके लिए उसे शिक्षा तथा हमारे युवाओं की चेतना पर नियंत्रण करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ‘मस्तिष्क नियंत्रण’ चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ वे रचनात्मकता नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि लोग दकियानूसी ढंग से सोचें, अंधविश्वास एवं अंधभक्ति का शिकार बनें , ताकि फासीवादी हिंदुत्व राष्ट्र की उनकी परियोजना साकार हो। केरल की उच्च शिक्षा उसकी राह में बाधा है , यही वजह है कि वे उसपर प्रहार कर रहे हैं।’’ येचुरी ने कहा, ‘‘ संवैधानिक प्रमुख के नाते राज्यपाल की भूमिका अब एक ऐसे कार्यालय के रूप में घटायी जा रही है जो केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक उद्देश्य को आगे बढ़ा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्यपाल और केंद्र दलील दे रहे हैं , ‘‘ और दुर्भाग्य से एक या दो न्यायिक घोषणाएं भी उसका समर्थन करती हैं’’ कि राज्य के कानून यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही होने चाहिए। माकपा महासचिव ने कहा, ‘‘ कुछ अदालतों ने राय दी है कि यूजीसी दिशानिर्देश सर्वोच्च हैं। इसलिए, इसकी उपयुक्त समीक्षा हो तथा मैं मानता हूं कि सभी गैर भाजपा शासित सरकारों का उच्चतम न्यायालय जाने और वहां जाकर यह कहने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए कि आप राज्यों तथा विधानसभाओं के राज्यों के विश्वविद्यालयों के मामलों में फैसला करने के अधिकारों में अतिक्रमण नहीं कर सकते।
Governors are being pitted against governments in non bjp ruled states sitaram yechury
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