केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को हर साल 10 किलो चावल या गेहूं देने के लिए भारत को सालाना 10.8 करोड़ टन खाद्यान्न की जरूरत है। गोयल ने फेडरेशन ऑफ तेलंगाना चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक संवाद सत्र में आशंका जताई कि उत्तर प्रदेश और बिहार में खाद्यान्न उत्पादन घट सकता है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों को पहले ही प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न मिल रहा है।
इसके अलावा अंत्योदय परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत यह कोटा बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अतिरिक्त खाद्यान्न के लिए हर महीने 40 लाख टन की जरूरत है। इसके अलावा हमें पहले से ही 50 लाख टन की जरूरत है। इसका मतलब है कि हमें हर महीने 90 लाख टन अनाज-गेहूं और चावल की जरूरत है। यानी एक साल में करीब 10.80 करोड़ टन। यह गरीब लोगों को लगभग मुफ्त मिलता है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले महीने तक भारत ने जिंसों के निर्यात को प्रोत्साहित किया, लेकिन सरकार को अपने लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। गोयल ने चावल के निर्यात पर लगाए गए 20 प्रतिशत के कर को भी सही ठहराया।
Goyal said india needs 108 million tonnes of food grains annually to distribute to the poor
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