सरकार देश में सभी प्रयोगशालाओं का मानचित्रण कर रही है ताकि महत्वपूर्ण खामियों को दूर किया जा सके और भारत को एक गुणवत्ता-की दृष्टि से सतर्क देश बनाने के लिए इन प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण किया जा सके। खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने पहले ही देश में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त 3,000 गैर-नैदानिक प्रयोगशालाओं का मानचित्राण पूरा किया है।
बीआईएस इसपर विचार कर रहा है कि सार्वजनिक उपक्रमों, उद्योगों और आईआईटी जैसे शिक्षा संस्थानों द्वारा स्थापित गैर-मान्यता प्राप्त गैर-नैदानिक प्रयोगशालाओं का मानचित्रण कैसे किया जाए। आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रयोगशालाओं में उभरते वैश्विक रुझान पर एक दिन की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, ‘‘जबतक हम गुणवत्ता में अग्रणी नहीं हैं, हम एक विकसित राष्ट्र नहीं बन पाएंगे और अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के फल का लाभ नहीं उठा पाएंगे।।’’
बुनियादी ढांचे को मजबूत करके, आधुनिक तकनीक को अपनाकर और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके भारत को ‘‘गुणवत्ता के प्रति जागरूक देश’’ बनाने के लिए एक रूपरेखा बनाने को निजी क्षेत्र के साथ जुड़ने का यह सही समय है। बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय मानक निर्धारण निकाय स्थिरता मानकों को विकसित करने पर विचार कर रहा है। योजना 22,000 मानकों को फिर से देखने और उन्हें स्थिरता के अनुरूप ढालने की है। संगोष्ठी में टीआईसी काउंसिल के महानिदेशक हानाने तैदी ने भी अपनी बातें रखीं।
Goyal said mapping all laboratories to plug gaps
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