गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, चुनाव से ठीक पहले समान नागरिक संहिता को लेकर बनेगी कमेटी
विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गुजरात सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कमेटी बनाने का फैसला लिया है। आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही गुजरात चुनाव में भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। आज सुबह से ही सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही थी कि गुजरात में चुनाव से ठीक पहले भाजपा समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा दांव चल सकती है और ऐसा हो गया है। कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है। गुजरात में चुनाव से ठीक पहले भाजपा का यह अपने आप में बड़ा कदम है।
चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने उत्तराखंड में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड वाला दांव खेला था जिसका नतीजा भी उसके पक्ष में आया। उत्तराखंड में भाजपा ने चुनावी जीत हासिल की। इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया था। ठीक ऐसा ही कमेटी अब गुजरात में भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इस कमेटी का अध्यक्ष हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज हो सकते हैं। गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर कहा कि राज्य में एक समान नागरिक संहिता की आवश्यकता की जांच करने और इस कोड के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट / एचसी न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने के लिए राज्य कैबिनेट की बैठक में आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सीएम भूपेंद्र पटेल ने आज कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि गुजरात में हमेशा से भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे को आगे रखती रही है। इस बार गुजरात चुनाव में भी भाजपा एक बार फिर से हिंदुत्व के मुद्दे को आगे लाने जा रही है। इसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा काफी बड़ा हो सकता है। 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाया था। इसके बाद से पार्टी लगातार हर चुनाव में इस मुद्दे को अपना एजेंडा बनाती रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव की घोषणा पत्र में भी भाजपा ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था। भाजपा ने साफ तौर पर कहना है कि जब तक इसे अपनाया नहीं जाता, तब तक लैंगिक समानता समाज में नहीं आ सकती। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि सबके लिए एक तरह का कानून होना चाहिए।
gujarat government form a committee regarding the uniform civil code