गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इस फैसले के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी।
रूपाला ने कहा, ‘‘समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे। समिति के सदस्यों के चयन के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को अधिकृत किया है।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा। सांघवी ने कहा कि निर्णय संविधान के खंड-चार के अनुच्छेद 44 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया था, जो राज्य सरकार से सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की अपेक्षा करता है।
सांघवी ने कहा, ‘‘यह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का ऐतिहासिक फैसला है। हमारी सरकार ने इस तरह की संहिता की आम लोगों के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा का भी सम्मान किया है।’’ रूपाला ने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित यूसीसी संविधान के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम और मुस्लिम पर्सनल लॉ को यूसीसी के तहत कवर किया जाएगा, क्योंकि ये कानून संविधान का हिस्सा नहीं हैं।
रूपाला ने कहा, ‘‘हम लोगों के मौलिक अधिकारों को खत्म करने का इरादा नहीं रखते हैं। यूसीसी पति या पिता की संपत्ति पर पत्नी या बेटी के दावे जैसे नागरिक विवादों में उत्पन्न होने वाली विसंगतियों को हल करने से संबंधित भी है। हमें ऐसे मुद्दों के बारे में लोगों से कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे।’’ उन्होंने दावा किया कि इस फैसले का आगामी विधानसभा चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ भाजपा यूसीसी का वादा करके हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है।
रूपाला ने कहा कि समिति यूसीसी से संबंधित विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर राज्य सरकार इसके कार्यान्वयन के बारे में अंतिम निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि समिति को अभी अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में यूसीसी लागू करने की घोषणा की थी।
Gujarat government to form committee for implementation of uniform civil code
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