हिमाचल प्रदेश को विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी के तहत मत्स्य उत्पादन और रखरखाव के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार मिला है। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि राज्य मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने राज्य की ओर से दमन स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित एक समारोह में भारत सरकार के मत्स्य विभाग के सचिव जितेंद्र नाथ स्वाई से पुरस्कार प्राप्त किया। उन्हें हिमाचल प्रदेश के लिए शॉल और 10 लाख रुपये मूल्य का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
अधिकारी ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन और इससे जुड़ी योजनाओं को लोगों तक सफलतापूर्वक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले वित्तवर्ष में राज्य में 16,015.81 टन मछली का उत्पादन किया गया था और इसका मूल्य 233.56 लाख रुपये आंका गया था। वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 में 15,288.60 टन मछली का उत्पादन किया गया था और इसका अनुमानित मूल्य 184.44 लाख रुपये था। ठंडे पानी की मछली पालन के तहत हिमाचल में 927 टन ट्राउट मछली का उत्पादन किया गया और 51 करोड़ रुपये की मछली बेची गई।
प्रवक्ता के अनुसार, हिमाचल में करीब 14,544 लोग मत्स्य पालन से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इनमें से नदियों में मछली पकड़ने वाले मछुआरों की संख्या करीब 5,278 और नदियों पर बने बांधों में मछली पकड़ने वाले मछुआरों की संख्या 6,146 है। हिमाचल प्रदेश में कार्प किस्म के 2,454 मछली उत्पादक और 666 निजी ट्राउट मछली उत्पादक हैं।
Himachal pradesh got first prize in the category of hill states for fish production
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