Chai Par Sameeksha: सुशासन बाबू कैसे बने संवेदनहीन CM, Rahul-Bilawal का बयान संयोग है या प्रयोग?
By DivaNews19 December 2022
Chai Par Sameeksha: सुशासन बाबू कैसे बने संवेदनहीन CM, Rahul-Bilawal का बयान संयोग है या प्रयोग?
प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि, इस सप्ताह बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर राजनीति जमकर हुई। हमने अपने चर्चा की शुरुआत भी इसी मुद्दे से की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। बिहार में जहरीली शराब से मौत पर नीरज दुबे ने कहा कि सुशासन बाबू के राज में कुशासन की तस्वीर है। नीरज दुबे ने कहा कि नीतीश कुमार यह कह रहे हैं कि देश भर में कई लोग जहरीली शराब पीने से मर रहे हैं। उनका यह कहना बिल्कुल सही है। लेकिन हमें यह देखना चाहिए कि शराबबंदी कानून अन्य प्रदेशों में लागू नहीं है, यह बिहार में लागू है। अगर जहां शराब बंदी कानून लागू है और वहां इतनी भारी तादाद में लोगों की मौत होती है तो कहीं ना कहीं प्रशासन और सरकार पर सवाल जरूर उठेंगे। जीतन राम मांझी के बयान का हवाला देते हुए नीरज दुबे ने कहा कि नीतीश कुमार के सहयोगी ही शराबबंदी कानून से सहमत नजर नहीं आते हैं। ऐसे में आप इसे कैसे सफल मान सकते हैं।
नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि अगर शराबबंदी कानून सफल है तो फिर राज्य में इतनी भारी मात्रा में शराब कैसे बन रही है, कैसे बिक रही है और शराब कैसे पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहीं ना कहीं स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए। इसके साथ ही प्रभासाक्षी के संपादक ने यह भी कहा कि जब इतने घरों में मातम पसरा हुआ है, तब मुख्यमंत्री कह रहे हैं जो पिएगा वह मरेगा। उन्होंने कहा कि जब घरों में मातम पसरा हो तब मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणी सही नहीं है। हालांकि, नीरज दुबे ने नीतीश कुमार के उस फैसले पर अपनी सहमति जरूर दिखाई जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि जहरीली शराब पीने से मरने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। लेकिन नीरज दुबे ने यह भी कहा कि कहीं ना कहीं उनके परिवार को किसी प्रकार की सरकारी मदद जरूर मुहैया कराया जाना चाहिए ताकि वह अपना जीवन जी सकें।
'जो पिएगा वह मरेगा' इस बयान पर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यह मुख्यमंत्री के ऊपर जो सत्ता का नशा है, उसका साफ तौर पर पता चल रहा है। मुख्यमंत्री को यह कहना चाहिए था कि जिन भी परिवारों को दिक्कतें होंगी, उन्हें किसी तरह से सरकारी सहायता प्रदान करने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही नीरज दुबे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम जंगलराज को समाप्त करेंगे। लेकिन बिहार से आए दिन अपराध की खबरें सामने आती है। पटना में लोगों की हत्या कर दी जाती है। जब राजधानी पटना का यह हाल है तो बाकी जगह की क्या स्थिति होगी, इसका आकलन करना मुश्किल है। इसके साथ ही नीरज दुबे ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। नीरज दुबे ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री ने अब नेतृत्व में बिहार में क्या-क्या किया है, उन्हें यह सब बताना चाहिए।
हमने चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर भी बात की। हमने नीरज दुबे से बिलावल भुट्टो ने जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उस पर भी सवाल पूछा। इसके अलावा तवांग में जो झड़प हुई है उसको लेकर देश में जो राजनीति हो रही है, उस पर भी सवाल पूछा। बिलावल भुट्टो के बयान पर नीरज दुबे ने कहा कि वह पाकिस्तान के पॉलिटिकल पप्पू है। नीरज दुबे ने कहा कि बिलावल भुट्टो अपनी पार्टी के अध्यक्ष हैं। लेकिन वह उसका भला नहीं कर पाए। विदेश मंत्री होने के नाते वह अपने देश का भला नहीं कर पाए। नीरज दुबे ने कहा कि बिलावल भुट्टो को यह लगा होगा कि कई महीने हमारी सरकार को हो गए हैं। लेकिन हमें कोई जानता नहीं। इसलिए कुछ ऐसा बयान दो जिससे कि हमें हर कोई जानने लगे। शायद यही सोचकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ इस तरीके की आपत्तिजनक टिप्पणी की होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिलावल भुट्टो ने जिस तरीके की टिप्पणी की है और पाकिस्तान के राजनयिकों और पूर्व राजनयिकों के लिए भी शर्म का विषय बना हुआ है।
चीन पर राजनीति
चीन को लेकर देश में हो रही राजनीति पर नीरज दुबे ने कहा कि इसे संयोग कहें या प्रयोग कि राहुल गांधी और बिलावल भुट्टो एक ही दिन बोले हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सेल्फ गोल के मास्टर हो चुके हैं। वह भारत जोड़ो यात्रा पर निकले जरूर हैं लेकिन कुछ ना कुछ ऐसी बात कह देते हैं जिससे कि उनकी और उनकी पार्टी की परेशानी बढ़ जाती है। नीरज दुबे ने कहा कि राहुल ने कहा कि हमारी सेना पीट रही है। लेकिन उन्हें बता देना चाहते हैं कि हमारी सेना पीटती नहीं है बल्कि पीट कर आती है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि हमारी सेना का जो शौर्य है, साहस है, जो अनुशासन है उस पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। आप राजनीतिक तौर पर सरकार पर सवाल उठाए लेकिन सेना पर नहीं।
- अंकित सिंह
How nitish kumar became insensitive cm discussion over rahul and bilawal statement
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