भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने जीएम सरसों किस्म डीएमएच-11 से जुड़े मिथकों को स्पष्ट करते हुए शुक्रवार को कहा कि अभी आईसीएआर के दिशानिर्देशों के अनुसार इसका परीक्षण किया जा रहा है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक नियामक संस्था जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी) ने 18 अक्टूबर को अपनी एक बैठक में आईसीएआर की देखरेख में इस फसल के परीक्षण, प्रदर्शन और बीज उत्पादन के लिए डीएमएच-11 बीज के पर्यावरणीय परीक्षण की सिफारिश की थी।
धारा मस्टर्ड हाइब्रिड (डीएमएच-11) एक संकर बीज किस्म है - जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स द्वारा विकसित किया गया है। इस डीएमएच-11 को पर्यावरणीय परीक्षण के लिए जारी करने के फैसले ने वैज्ञानिकों, किसानों और कार्यकर्ताओं के बीच तूफान खड़ा कर दिया है। जीएम विरोधी गुट ने इस जारी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पाठक ने एक बयान में कहा, जीईएसी ने विशेषज्ञों की राय, जैव सुरक्षा डेटा आंकड़ों की जांच और लंबे वैज्ञानिक विचार-विमर्श के बाद डीएमएच 11 और इसकी पैतृक लाइनों को पर्यावरणीय रिलीज की अनुमति दी गई है।
Icar chief debunks the myths surrounding gm mustard dmh 11
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