=घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बैंकिग क्षेत्र के परिदृश्य को सोमवार को ‘सकारात्मक’ कर दिया। संपत्ति वृद्धि अच्छी रहने, संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार और पूंजी बफर मजबूत होने के मद्देनजर परिदृश्य में सुधार किया गया है। एजेंसी ने कहा कि 2023-24 के अंत तक सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिहाज से परिसंपत्ति की गुणवत्ता चार प्रतिशत पर पहुंच जाएगी जो एक दशक का सर्वश्रेष्ठ स्तर होगा। 2022-23 में बैंकिंग प्रणाली में कर्ज वृद्धि 15.2-16.1 प्रतिशत रहेगी, लेकिन 2023-24 में यह धीमी पड़कर 11-11.6 प्रतिशत पर आ जाएगी। कर्ज वृद्धि में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की होगी। निजी क्षेत्र के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी नरम पड़ेगी। एजेंसी का अनुमान है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज वृद्धि 2022-23 में 13.4-14.1 प्रतिशत,2023-24 में 9.5-10.1 प्रतिशत रहेगी। ]
वहीं निजी क्षेत्रों के बैंकों के लिए यह क्रमश: 14.5-15.5 प्रतिशत और 12.6-13.5 प्रतिशत रहेगी। एजेंसी के उपाध्यक्ष अक्षय चौकसे ने संवाददाताओं को बताया कि परिसंपत्ति गुणवत्ता के नजरिये से देखा जाए तो सकल गैर निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) कम होकर चार प्रतिशत पर और शुद्ध एनपीए एक प्रतिशत से नीचे आ जाएगा। प्रणाली का जीएनपीए 2021-22 में छह प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.7 प्रतिशत था। इक्रा ने कहा कि 2023-24 के अंत तक सरकारी बैंकों का शुद्ध एनपीए घटकर 1.3-1.6 प्रतिशत और निजी बैंकों का0.8-0.9 प्रतिशत रह जाएगा। पूंजी पर्याप्तता पर एजेंसी ने कहा कि 2023-24 में 10-12 प्रतिशत की परिसंपत्ति वृद्धि हासिल करने के लिए बड़े कोष को लगाने की जरूरत नहीं होगी। एजेंसी ने कहा कि बैंक अच्छी लाभप्रदता के जरिये अपनी वृद्धि के लिए पूंजी खुद बनाएंगे और सरकार को इन्हें चलाने के लिए धन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Icra has made the banking sector outlook positive predicting a significant decline in npas
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