इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इस समय राजनीतिक कोहराम मचा हुआ हैं। पाकिस्तान की आवाम में इमरान खान के लिए प्रेम है और लोगों के अंदर इमरान के लिए सहानुभूति भी हैं। इसका एक नजारा इमरान खान की लॉन्ग मार्च के दौरान इकठ्ठा हुई भीड़ से देखने को मिला हैं। लाहौर से इस्लामाबाद की ओर कूच करने वाली इमरान खान की लॉन्ग मार्च ने मौजूदा शहबाज सरकार की नाक में दम कर दिया हैं। इमरान खान की इस मार्च के पीछे का कारण है मुल्क में दौबारा चुनाव जल्द से जल्द करवाने का। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सत्ता को पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया हैं। ऐसे में मौजूदा सरकार ने इमरान खान का छवि को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं। इमरान खान की संसद सदस्यता तक को खत्म करवा दिया गया। अपने खिलाफ की गयी सभी कृत्यों को लेकर इमरान खान एक्शन में आ गये हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को निशाना बनाया और कहा कि उन्हें (खान को) अयोग्य घोषित कर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने को लेकर उनके खिलाफ वह 10 अरब रुपये का मानहानि का एक मुकदमा करेंगे। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने अपने ‘लॉंग मार्च’ के चौथे दिन की शुरूआत पर समर्थकों को संबोधित करते हुए यह कहा। खान ने ऐलान किया कि उनका मकसद इस्लामाबाद तक मार्च कर हकीकी आजादी (असली आजादी) हासिल करना है, जो तभी संभव होगा जब स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव शीघ्र कराये जाएंगे।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की पांच सदस्यीय एक समिति ने खान(70) को इस महीने की शुरूआत में मौजूदा नेशनल असेंबली की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। समिति के अध्यक्ष सिकंदर सुलतान रजा हैं जो देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। खान ने कामोनकी में अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सिकंदर सुल्तान, मैं आपको अदालत ले जाऊंगा...ताकि भविष्य में आप किसी के निर्देश पर किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाएं। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तोशाखाना और निषिद्ध फंडिंग मामले में उनके खिलाफ ईसीपी के फैसले मौजूदा सरकार के निर्देश पर दिये गये।
उन्होंने कहा, ‘‘आप (सिकंदर) चोरों के दोस्त हैं और कार्रवाई की जाएगी।’’ पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, अन्य देशों के किसी गणमान्य व्यक्ति से मिलने वाला कोई तोहफा अवश्य ही तोशाखाना में रखा जाना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह रजा के खिलाफ मानहानि का एक मामला दर्ज करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री ने एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने देश के शक्तिशाली प्रतिष्ठान को भी निशाना बनाते हुए कहा कि किसी देश के ‘‘प्रतिष्ठान को कभी राष्ट्र के खिलाफ नहीं होना चाहिए।
आपको बता दें कि आंतरिक सूत्रों का कहना है कि इमरान की मार्च से शहबाज शरीफ का खेमा हिल गया है और वह कुछ भी करके मार्च को खत्म करना चाहता हैं। भीड़ को देखते हुए 13000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया हैं। वहीं मीडिया को भी कवरेज करने से रोका जा रहा हैं। इस्लामाबाद पुलिस ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए होटलों और अतिथि गृहों को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली रैली में हिस्सा लेने वाले उनके समर्थकों को ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराने से रोक दिया। इमरान खान देश में फिर से जनरल चुनाव करवाना चाहते हैं। इमराम को विश्वास है कि पाकिस्तान की आवाम उनका साथ देगी क्योंकि शहबाज शरीफ ने आइन (संविधान) का अपमान किया हैं।
Imran khan lashed chief electoral officer of pakistan announced defamation of rs 10 billion
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